नई दिल्ली : हमारी बदलती हुई लाइफस्टाइल और खानपान की आदतों ने बड़ों के साथ-साथ बच्चों में भी डायबिटीज का खतरा बढ़ा दिया है. अब हमारे देश में बच्चे भी टाइप-1 और टाइप-2 डायबिटीज के शिकार होते जा रहे हैं. वहीं ग्रामीण लोगों की अपेक्षा शहरों में डायबिटीज के मामले तेजी से फैल रहे हैं.
कहा जा रहा है कि अब बच्चों में भी युवावस्था में जाते ही डायबिटीज के लक्षण तक दिखाई देने लगते हैं. ऐसा तब होता है, जब उनका शरीर पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन बनाने में असमर्थ हो जाता है और इसी के कारण वयस्कों के साथ-साथ बच्चों में डायबिटीज का बढ़ता हुआ खतरा दिखायी देने लगा है.
हमारे देश में 1990 से लेकर 2019 के बीच किए गए एक अध्ययन के दौरान मिले आंकड़ों में पता चला है कि बच्चों की सबसे अधिक मौत का कारण डायबिटीज दिखायी दे रहा है. इस बात का खुलासा जर्नल ऑफ अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन नेटवर्क में प्रकाशित एक अध्ययन में हुआ है, जिसमें बताया गया है कि इस अध्ययन में वैश्विक स्तर पर 2019 में डायबिटीज के कुल 2,27,580 मामले मिले, जिनमें से 5,390 की मौत हो गई थी. 1990 के बाद इस तरह के मामले में 39.4 फ़ीसदी की बढ़ोतरी देखी गई है.