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Dengue Cases : खतम नहीं हुआ है बारिश का मौसम, इन लक्षणों को न करें नजरअंदाज

बरसात के मौसम की शुरुआत होते ही डेंगू जैसे मच्छरों के काटने से होने या फैलने वाले रोगों के होने की आशंका काफी ज्यादा बढ़ जाती है. देश में कोरोना के साथ-साथ टाइफाइड, मलेरिया, चिकनगुनिया, डेंगू जैसी बीमारियां भी लोगों को जकड़ रही हैं. इस समस्या को देखते हुए ईटीवी भारत की टीम ने एक्सपर्ट से बात की और जाना कि आप कैसे इन बीमारियों में फर्क कर सकते हैं. Dengue cases rising . Dengue symptoms prevention ,

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देश में डेंगू

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Published : Sep 17, 2022, 7:31 PM IST

Updated : Sep 19, 2022, 1:27 PM IST

देश में डेंगू (Dengue cases increasing) के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. आखिर डेंगू के मामले क्यों बढ़ रहे हैं. लोग इससे कैसे बचाव (dengue precautions) कर सकते हैं और डेंगू के लक्षणों (symptoms of dengue) को लोग कैसे पहचान सकते हैं. इसको लेकर ETV BHARAT ने चंडीगढ़ पीजीआई के स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ (School of Public Health Chandigarh PGI) के प्रोफेसर सोनू गोयल (Professor Sonu Goyal) से खास बातचीत की. Dr Sonu Goyal ने बताया कि इस बार डेंगू के मामले बढ़ने का सबसे मुख्य कारण मानसून का लंबा खीचना है. मानसून की वजह से जगह-जगह पर पानी इकट्ठा होने के कारण डेंगू के मच्छर पैदा हो गए और उसी वजह से ही डेंगू के मामले बढ़ रहे हैं.

डेंगू (Dengue) एक मच्छर जनित वायरल इंफेक्शन या डिजीज है. डेंगू होने पर तेज बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों एवं जोड़ों में दर्द, त्वचा पर चकत्ते आदि निकल आते हैं. डेंगू बुखार (Dengue Fever) को हड्डी तोड़ बुखार भी कहते हैं. एडीज मच्छर के काटने से डेंगू होता है. यह संक्रमण फ्लेविविरिडे परिवार (Flaviviridae family) के एक वायरस के सेरोटाइप- डीईएनवी-1 (DENV-1), डीईएनवी-2 (DENV-2), डीईएनवी-3 (DENV-3) और डीईएनवी-4 (DENV-4) के कारण होता है. हालांकि, ये वायरस 10 दिनों से अधिक समय तक जीवित नहीं रहते हैं. जब डेंगू का संक्रमण गंभीर रूप ले लेता है, तो डेंगू रक्तस्रावी बुखार या डीएचएफ (Dengue Haemorrhagic Fever) होने का खतरा बढ़ जाता है. इसमें भारी रक्तस्राव (Heavy Bleeding), ब्लड प्रेशर में अचानक गिरावट, यहां तक ​​कि पीड़ित व्यक्ति की मृत्यु भी हो सकती है. डीएचएफ को डेंगू शॉक सिंड्रोम (Dengue shock syndrome) भी कहा जाता है. अधिक गंभीर मामलों में तुरंत हॉस्पिटल में भर्ती कराने की जरूरत होती है वरना पीड़ित की जान भी जा सकती है. डेंगू का कोई विशिष्ट या खास उपचार उपलब्ध नहीं है. सिर्फ इसके लक्षणों को पहचानकर ही आप इस पर काबू पा सकते हैं.

इन लक्षणों को नजरअंदाज न करें

  • मतली- उल्टी आना
  • तेज बुखार आना
  • कमजोरी महसूस होना
  • पेट की खराबी या पेट में दिक्कतें पैदा होना
  • सिरदर्द होना
  • मांसपेशियों में दर्द होना
  • हड्डी या जोड़ों में दर्द होना
  • आंखों के पीछे वाले हिस्से में दर्द होना
  • त्वचा पर लाल रंग के चकत्ते या लाल रंग के दाने होना
  • स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मानें, तो डेंगू के शुरुआती लक्षण फ्लू की तरह होती है और इसी के कारण लोग डेंगू के लक्षणों को पहचान नहीं पाते हैं.
    देश में डेंगू

इतने दिनों बाद दिखने लगते हैं लक्षण

आमतौर पर संक्रमित मच्छर जब किसी व्यक्ति को काटता है, तो उसके 4-10 दिनों के बाद उसमें डेंगू के लक्षण दिखने लगते हैं. इसके बाद तेज बुखार आने के साथ ही डेंगू के अन्य लक्षण भी नजर आने लगते हैं और ये तेजी से बढ़ने भी लगते हैं.

न करें इन लक्षणों को नजरअंदाज, ये हैं बचाव के तरीके

डेंगू से बचने के लिए इन बातों का रखें ध्यान

  • पूरे आस्तीन के कपड़े पहनें
  • मच्छर मारने वाली दवा का उपयोग करें
  • घर से या किचन से निकलने वाले कचरे को ज्यादा जमा न होने दें
  • सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल करें
  • घर की छत, कूलर, गमलों, टायर या अन्य जगहों पर पानी जमा न होने दें. ध्यान रहे कि डेंगू का मच्छर साफ पानी में ही पनपता है.

WHO के अनुसार दुनिया भर में हर साल लगभग 500,000 लोग डेंगू के कारण अस्पताल में भर्ती होते हैं. सिर्फ भारत की बात करें तो पिछले कुछ सालों में इस संक्रमण के पीड़ितों की संख्या काफी ज्यादा रही है. नेशनल वेक्टर बॉर्न डिजीज कंट्रोल प्रोग्राम यानी एनवीबीडीसीपी द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2019 में सिर्फ भारत में डेंगू के 67,000 से भी अधिक मामले दर्ज किए गए थे.

डेंगू से बचना है तो मच्छरों से रहें सावधान

Last Updated : Sep 19, 2022, 1:27 PM IST

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