नई दिल्ली : कई स्टडीज में युवाओं को दूसरी डोज मिलने के बाद दिल की बीमारी से पीड़ित होने की बात कही गई हैं, लेकिन टॉप डॉक्टर्स का कहना है कि यह साबित करने के लिए कोई बड़ा अध्ययन नहीं है. American College of Cardiology के जर्नल ने खुलासा किया है कि कोविड-19 वैक्सीन की दूसरी डोज के बाद ( Myocarditis, pericarditis, or myopericarditis ) मायोकार्डिटिस, पेरिकार्डिटिस या मायोपेरिकार्डिटिस का खतरा अधिक है.
American College of Cardiology की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि दूसरी डोज से हृदय की मांसपेशियों में सूजन और हृदय के आवरण से संबंधी समस्याएं हो सकती हैं.अन्य स्टडीज ने भी इन घटनाओं को लगभग 3 से 5 प्रति हजार जनसंख्या पर रिपोर्ट किया है, जो इसे एक दुर्लभ घटना बनाते हैं. इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि इन मामलों का समय पर इलाज किया गया है, जिसके चलते मौत का मामला अभी तक सामने नहीं आया है, हालांकि इनमें से अधिकांश मरीजों को अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता पड़ी है.
माहिम के एसएल रहेजा अस्पताल के सलाहकार और क्रिटिकल केयर प्रमुख डॉ. संजीत ससीधरन (Dr Sanjith Sasidharan , consultant and head of critical care , SL Raheja Hospital in Mahim) ने आईएएनएस को बताया, दूसरे शब्दों में, ये मामले अपेक्षाकृत अलग है, और उनमें से अधिकांश मरीज साधारण इलाज के साथ ठीक हो गए. क्या इस स्थिति के लिए लॉन्ग टर्म प्रभाव हैं या नहीं, यह तो समय ही बताएगा.
Dr Sanjith Sasidharan , consultant and head of critical care , SL Raheja Hospital in Mahim ने कहा, यह जटिलता युवा व्यक्तियों में अधिक देखी जाती है, शायद इसलिए कि उनके पास अधिक मजबूत प्रतिरक्षा प्रणाली होती है, जो कभी-कभी विकृत जलन का कारण बन सकती है. स्वस्थ, युवा और मध्यम आयु वर्ग के भारतीयों में दिल के दौरे और स्ट्रोक के अधिक मामले सामने आ रहे हैं. पिछले सप्ताह एक नए सर्वे से पता चला कि इस नए स्वास्थ्य आपातकाल से गैर-टीकाकृत और टीकाकृत दोनों लोग प्रभावित हुए हैं.