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Covid Virus Found In Tears : बिना आंखों की बीमारी वाले मरीजों के आंसुओं में पाया गया कोविड वायरस : एम्स - New research on COVID 19

एम्स नागपुर में किए गए एक शोध के आधार पर कोविड के संबंध में एक दुर्लभ जावकारी मिली है. शोधकर्ताओं के अनुसार कोविड के पीछे का वायरस सार्स-कोव-2 उन रोगियों के आंसुओं में पाया गया, जिन्हें आंखों की कोई बीमारी नहीं थी. पढ़ें पूरी खबर....

Covid Virus Found In Tears
कोविड वायरस

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 13, 2023, 10:53 PM IST

नई दिल्ली :अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) नागपुर में किए गए एक शोध के दौरान शोधकर्ताओं को एक दुर्लभ बात पता चली. कोविड-19 महामारी के पीछे का वायरस सार्स-कोव-2 उन रोगियों के आंसुओं में पाया गया, जिन्हें आंखों की कोई बीमारी नहीं थी.

क्यूरियस जर्नल में प्रकाशित शोध निष्‍कर्ष के मुताबिक, शोध के लिए चुने गए 40 मरीजों में से 26 (65 प्रतिशत) को मध्यम कोविड, छह (15 प्रतिशत) को गंभीर कोविड और शेष को हल्के कोविड के रूप में वर्गीकृत किया गया था.

40 रोगियों में से पांच (12 प्रतिशत) ने आरटी-पीसीआर टेस्‍ट कराया. जब इनके आंसू के नमूने की जांच की गई तो उसमें सार्स-कोव-2 वायरस पाया गया. इन पांच सकारात्मक मामलों में सिर्फ 20 फीसदी में नेत्र संबंधी लक्षण प्रदर्शित हुए, जबकि शेष 80 प्रतिशत में नेत्र संबंधी लक्षणों का कोई लक्षण नहीं दिखा.

इसके अलावा, सात रोगियों (17 प्रतिशत) में नेत्र संबंधी लक्षण जैसे कि कंजंक्टिवल हाइपरमिया, एपिफोरा, पानी आना और खुजली दिखाई दी, जिनमें से केवल 14 प्रतिशत के आरटी-पीसीआर आंसू नमूनों में सार्स-कोव-2 वायरस पाया गया.

शेष छह रोगियों के आंसू नमूनों में सार्स-कोव-2 वायरस नहीं पाया गया. एम्स-नागपुर के नेत्र विज्ञान विभाग के कनिष्क सिंह और टीम ने शाधपत्र में कहा, 'हमने नेत्र संबंधी लक्षणों वाले और बिना नेत्र संबंधी लक्षणों वाले दोनों रोगियों में एक सकारात्मक कोविड -19 आंसू के नमूने का पता लगाया है.'

शोधकर्ताओं ने कहा कि अब तक, सीमित रिपोर्टों में कोविड-19 के रोगियों में नेत्र संबंधी भागीदारी पर ध्यान केंद्रित किया गया है. हालांकि, अध्ययन से पता चलता है कि पुष्टि किए गए कोविड रोगियों के कंजंक्टिवल स्वैब में सार्स-कोव-2 का पता लगाया गया है, हालांकि सकारात्मकता दर कम है.

'आंसुओं में पाए जाने वाले वायरस के कम प्रसार के बावजूद, नेत्र मार्गों के माध्यम से संचरण का संभावित जोखिम है. इसलिए, नेत्र संबंधी अभिव्यक्तियों की अनुपस्थिति में भी नेत्र संचरण की संभावना पर विचार करना महत्वपूर्ण है. चिकित्सा कर्मियों को इस दौरान सावधानीपूर्वक सावधानी बरतनी चाहिए शोधकर्ताओं ने कहा, 'संक्रमण के जोखिम को कम करने के लिए कोविड से पीड़ित रोगियों की नेत्र संबंधी जांच की जानी चाहिए.'

विशेष रूप से, नासॉफिरिन्जियल स्राव की तुलना में कंजंक्टिवल नमूनों में वायरल लोड आम तौर पर कम होता है.

शोध टीम ने कहा, 'इस असमानता के बावजूद आंसू के नमूनों के माध्यम से रोग के संभावित संचरण के बारे में चिंताएं बनी हुई हैं, भले ही स्पष्ट नेत्र संबंधी लक्षण और लक्षण अनुपस्थित हों. इस प्रकार, इस बात पर जोर दिया जाता है कि कोविड-19 के निदान के लिए केवल आंसू के नमूनों पर निर्भर रहने से बचना चाहिए, और वे इसे अन्य स्थापित निदान विधियों का विकल्प नहीं माना जा सकता.'
(आईएएनएस)

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