दिल्ली

delhi

ETV Bharat / sukhibhava

कोरोना पीड़ित लोग ऐसे रखें अपना ख्याल - covid-19 treatment

कोरोना के बढ़ते मामलों के साथ उसके लक्षण और प्रभावों में भी बदलाव देखा जा रहा है. कोरोना से संक्रमित होने पर क्या करना है और कैसे करना है इसके बारे में सलाहकार चिकित्सक डॉ. राजेश वुक्काला ने खास जानकारी दी है. वहीं घर पर क्वॉरेंटाइन होने के दौरान रखने वाली सावधानियों के बारे में भी बताया है.

corona infected
कोरोना पीड़ित

By

Published : Aug 10, 2020, 6:02 PM IST

Updated : Aug 11, 2020, 9:39 AM IST

कोरोना से मचे हाहाकार के चलते लोग अभी भी डर के साएं में जी रहे है. हालांकि बीतते समय के साथ लोगों में कोरोना को लेकर लोगों में डर कुछ कम हुआ है. लेकिन फिर भी एक भ्रम की स्थिति बनी हुई है. कोरोना के लक्षण नजर आने पर कहां जाएं, कौन से डॉक्टर को दिखाएं, इन सब बातों को लेकर लोगों असमंजस बना हुआ है.

साधारण फ्लू के अलावा कोरोना के कौन से लक्षण होते हैं और यदि किसी व्यक्ति में लक्षण नजर भी आ रहें है, तो वह क्या करे, कहां जाएं. इन सब बातों को लेकर ETV भारत सुखीभवा टीम ने वीएनएन अस्पताल के सलाहकार चिकित्सक डॉ. राजेश वुक्काला (एमडी जनरल मेडिसन) से बात की.

क्या हैं मुख्य लक्षण

डॉ. राजेश बताते हैं कि कोरोना के लक्षणों में अब सिर्फ फ्लू के लक्षण शामिल नहीं है. बल्कि शरीर के विभिन्न अंगों में इसके कई लक्षण मिल रहे हैं. जैसे खुशबू न आना, खाने में जायका न आना, लगातार और बहुत ज्यादा कमजोरी महसूस करना, चक्कर आना, हाथ और पांव की नसों में दर्द महसूस करना, सांस लेने में परेशानी, लगातार सिरदर्द, डायरिया, पेट में दर्द, रोजमर्रा के कामों को भी न कर पाने शारीरिक रूप से अक्षम महसूस करना तथा क्लांतिशीलता महसूस करना आदि.

इसके अलावा कुछ लक्षण ऐसे भी है, जिनके बारे में अभी तक ज्यादा सुनने में नहीं आया है. लेकिन उन्हें भी कोरोना के लक्षणों में से एक माना जाता है. जैसे ब्रेन अटैक, हार्ट अटैक, मेनिन्जाइटिस तथा रीढ़ की हड्डी संबंधी परेशानियां शामिल हैं.

कोरोना के लक्षण हैं, तो क्या करें

डॉ. राजेश बताते हैं की हालांकि कोरोना बड़ी तेजी से लोगों में फैल रहा है, लेकिन इस वायरस के 80 प्रतिशत पीड़ितों में या तो इसके लक्षण बहुत काम होते है या फिर होते ही नहीं हैं. 20 प्रतिशत ऐसे होते हैं, जिनमें गंभीर लक्षण और उसका प्रभाव नजर आता है और केवल 5 प्रतिशत ऐसे होते हैं, जो इतने बीमार होते है कि उन्हें अस्पताल में सघन चिकित्सा की आवश्यकता होती है.

व्यक्ति में यदि कोरोना के हल्के फुल्के लक्षण नजर आतें है और यदि उसे अंदेशा हो की वह किसी ऐसे व्यक्ति से मिला हो, जो कोरोना से पीड़ित हो, तो पहले ही दिन से दूसरे लोगों से उससे दूरी बना लेनी चाहिए यानि खुद को सेल्फ क्वॉरेंटाइन कर लेना चाहिए.

तीन दिन बाद भी यदि उसकी हालत में सुधार नहीं होता है, तो चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए. लक्षण नजर आने के पांचवे दिन रोगी की स्थिति को देख कर चिकित्सक के निर्देशानुसार उसका सवैब या ब्लड टेस्ट (कोरोना टेस्ट) लिया जाता है. जांच के नतीजों में कोरोना की पुष्टि होने पर तथा शरीर पर वायरस के असर के अनुसार ही रोगी को अस्पताल में भर्ती कर उसका इलाज शुरू किया जाता है.

कई बार रोगी की गंभीर अवस्था को देखते हुए उसे आईसीयू अथवा वेंटिलेटर पर भी रखना पड़ जाता है. ज्यादातर रोगी जिनमें कोरोना के लक्षण नहीं होते हैं या फिर बहुत ही हल्के होते हैं, वे चिकित्सक की सलाह पर घर पर ही क्वॉरेंटाइन रहते हुए इलाज ले सकते हैं.

घर पर क्वॉरेंटाइन के दौरान क्या सावधानियां बरतें

घर पर ही क्वॉरेंटाइन रोगी का संघर्ष भी कम नहीं होता है. बहुत जरूरी है रोगी चिकित्सक के निर्देशों का अच्छे से पालन करे. पौष्टिक ओर सुपाच्य भोजन करें, ज्यादा से ज्यादा पानी पिये. विटामिन सी तथा डी का नियमित सेवन करे. संभव हो तो प्राणायाम या कोई भी श्वास संबंधी योग या अभ्यास करते रहे.

डॉ. राजेश कहते है कि कोरोना को लेकर ज्यादा घबराने की आवश्यकता नहीं हैं. यह भी सामान्य फ्लू की तरह दवाइयों और थोड़ी सी सावधानी के साथ आराम से ठीक हो रहा है. बस हमें इतना करना है कि जरा से भी लक्षण नजर आने पर जिम्मेदार नागरिक की तरह खुद को क्वॉरेंटाइन कर लेना है और चिकित्सक से परामर्श लेकर उनके बताएं गए निर्देशों का पालन करना है.

Last Updated : Aug 11, 2020, 9:39 AM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details