तीखी महक और तेज स्वाद वाली लौंग का सेवन या उपयोग हर उम्र के व्यक्ति के स्वास्थ्य में अलग-अलग प्रकार के फायदे पहुंचा सकता है. आयुर्वेद के प्राचीन ग्रंथों में भी लौंग की विशेषताओं की लेकर जानकारी मिलती है.
आयुर्वेद की मानें तो लौंग एक ऐसा मसाला है जिसके सेवन से ना सिर्फ भूख बढ़ती है बल्कि पाचन संबंधी समस्याएं, मूत्र संबंधी विकार, कफ पित्त संबंधी दोष, दांतों व मसूड़ों से संबंधित समस्याएं तथा पुरुषों में पौरुष से संबंधित समस्यायों में भी राहत मिलती है.
भोपाल के आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ राजेश शर्मा बताते हैं गर्म तासीर वाली लौंग का सही मात्रा में सेवन शरीर को ना सिर्फ रोग व समस्यायों से दूर रखता है तथा उनका निवारण करने में मदद भी कर सकता है बल्कि यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में भी मदद करता है. लेकिन लौंग का सेवन करते समय उसकी मात्रा को ध्यान में रखना बहुत जरूरी है क्योंकि इसका जरूरत से ज्यादा सेवन स्वास्थ्य पर गलत असर भी डाल सकता है
लौंग में पाए जाने वाले पोषक तत्व
चिकित्सक तथा जानकार बताते हैं कि लौंग के सेवन से शरीर में सफेद रक्त कोशिकाओं के निर्माण में सहायता मिलती है जो शरीर को संक्रमण से लड़ने में मदद कर सकती हैं. वहीं लौंग में एनाल्जेसिक कंपोनेंट तथा एंटीबैक्टीरियल गुण भी होते हैं . इसके अतिरिक्त लौंग में विटामिन बी1, बी2, बी4, बी6, बी9, विटामिन-सी, बीटा कैरोटीन, विटामिन-के, प्रोटीन, जिंक, सेलेनियम, राइबोफ्लेविन, कोलीन, कॉपर, नियासिन, फोलेट, थियामिन, कार्बोहाइड्रेट तथा फाइबर समेत अन्य पोषक तत्व भी पाए जाते हैं
क्या कहते हैं शोध
कुछ वर्षों पूर्व अर्जेंटीना के ब्यूनस आयर्स विश्वविद्यालय में हुए एक शोध में सामने आया था कि ईकोलाई और स्टेफिलोकोक्कस जैसे संक्रमणों के बैक्टीरिया को खत्म करने में लौंग का तेल काफी कारगर साबित हो सकता है. यही नही लौंग के फ़ायदों को लेकर दुनिया भर में किए गए अन्य कई शोधों में भी लौंग के सेवन से मिलने वाले स्वास्थ्य लाभों की पुष्टि हो चुकी है.
लौंग के फायदे
हमारे विशेषज्ञों और चिकित्सकों से प्राप्त जानकारी के अनुसार लोग के कुछ खास फायदे इस प्रकार हैं.
- लौंग पॉलिफिनॉल्स के स्त्रोतों में से एक मानी जाती है. पॉलिफिनॉल्स दरअसल वे माइक्रोन्यूट्रिएंट्स होते हैं जो हमें पौधों के माध्यम से प्राप्त होते हैं. ये माइक्रोन्यूट्रिएंट्स हमारे शरीर में कोलेस्ट्रॉल और रक्तचाप को नियंत्रित रखने में काफी मदद करते हैं. इसके अतिरिक्त मधुमेह के मरीजों के लिए भी लौंग का इस्तेमाल फायदेमंद होता है क्योंकि यह रक्त में शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में सक्षम होता है. लौंग का इस्तेमाल किडनी को भी फायदा पहुंचाता है तथा मूत्र संबंधी विकारों को दूर करने में मदद करता है.
- लौंग के इस्तेमाल से मुंह में उत्पन्न होने वाले बैक्टीरिया को लगभग 70% तक कम किया जा सकता हैं. वहीं लौंग का तेल मुंह में पीरियडोंटल पेथोजेन जैसे बैक्टीरिया से बचाव में भी सक्षम होता है जो आमतौर पर मसूड़ों में संक्रमण का कारण होते हैं. ना सिर्फ संक्रमण से बचाने में बल्कि दांतों तथा मसूड़ों में दर्द को कम करने में भी लौंग का तेल काफी फायदेमंद होता है क्योंकि इसमें यूजिनॉल नामक तत्व मिलता है. इसके अतिरिक्त लौंग के इस्तेमाल से दांतो को प्लाक और कैरेज से भी बचाया जा सकता है.
- लौंग में चुंकि एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं इसलिए इसका इस्तेमाल सर्दी और खांसी को कम करने में भी किया जाता है. सर्दी खांसी या अन्य संबंधित संक्रमणों के असर को कम करने के लिए दी जाने वाली आयुर्वेदिक औषधियों में लौंग का इस्तेमाल आवश्यक तौर पर किया जाता है. जानकारों की माने तो लौंग में ब्रोंकोडाइलेटर तथा इम्यूनोमोड्यूलेटरी गुण होने की वजह से यह साइनस, अस्थमा, खांसी तथा सर्दी जैसी कई समस्याओं में राहत देता है
- लौंग का इस्तेमाल हमारे पाचन तंत्र को सही रखने में भी काफी मददगार होता है. दरअसल लौंग हमारे शरीर के एंजाइम्स को उत्तेजित करता हैं जिससे पाचन तंत्र तथा आंतों का स्वास्थ्य बना रहता है. सही मात्रा में लौंग के सेवन से पेट का फूलना, अपच, डायरिया, कब्ज, गैस तथा भूख ना लगने जैसी समस्याओं में राहत मिलती है
- लौंग में मौजूद यूजिनॉल कई प्रकार की शारीरिक व त्वचा संबंधी समस्याओं से बचा सकता है. यहां तक की ऐक्ने में भी लौंग का सेवन तथा बाहरी उपयोग फायदेमंद होता है.
- सिर दर्द तथा माइग्रेन में भी लौंग का इस्तेमाल काफी फायदेमंद होता है. ना सिर्फ लौंग चबाने से बल्कि लौंग के तेल को सुंघने से भी सिर दर्द में राहत मिलती है.
- आयुर्वेद में लौंग का इस्तेमाल कई ऐसी औषधियों में भी किया जाता है जो पुरुषों में पौरुष शक्ति बढ़ाने तथा उनकी गुप्त समस्याओं को दूर करने के लिए दी जाती हैं. वही कुछ समय पूर्व किए गए बनारस विश्व हिंदू विश्वविद्यालय के एक शोध में भी सामने आया था कि अगर नियमित तौर पर संयमित मात्रा में लौंग का प्रयोग किया जाए तो यह पुरुषों में टेस्टोस्टेरोनके उत्पादन में मदद कर सकता है. लेकिन शोध में यह भी बताया गया था कि लौंग का जरूरत से ज्यादा उपयोग टेस्टोस्टेरोन के उत्पादन को कम भी कर सकता है.
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