क्या आप जानते हैं रोजमर्रा की जिंदगी में खाये जाने वाले कई फल और सब्जियां, उनके छिलकों के साथ खाए जाने पर लगभग 33% ज्यादा पोषण देते हैं! चिकित्सक विशेषकर पोषण विशेषज्ञ आमतौर पर लोगों को सेब, टमाटर, आलू, गाजर, खीरे और शकरकंद जैसे सब्जियों और फलों को उनके छिलके के साथ खाने की सलाह देते हैं क्योंकि इनके छिलके पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं.
पोषण विशेषज्ञ डॉ दिव्या शर्मा बताती हैं कि कुछ विशेष सब्जियों व फलों के छिलकों में काफी मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट, फाइबर, विटामिन, आयरन और मिनरल आदि पोषक तत्वपाए जाते हैं. वे बताती हैं कि बिना छिलके वाली सब्जियों के मुकाबले छिलके वाली सब्जियों में 33% से ज्यादा फाइबर तथा अन्य पोषक तत्व हो सकते हैं.
क्या हैं कारण
डॉ दिव्या बताती हैं कि छिलकों के साथ सब्जी ना पकाने या फल न खाने के बहुत से कारण हो सकते हैं जैसे उनका स्वादिष्ट ना होना, चबाने में ज्यादा सख्त होना या उनकी खेती के दौरान उन पर रसायनों के प्रयोग को लेकर उत्पन्न चिंता. जो कफ हद तक सही भी है. हानिकारक कीटनाशकों के डर से बचने के लिए जरूरी है कि घर में आने वाले सभी फलों और सब्जियों को अच्छी तरह से धोया और साफ किया जाय और उसी के बाद उनका उपयोग किया जाय लेकिन अन्य कारणों की बात करें तो सेहत को स्वाद से ऊपर रखना ज्यादा बेहतर होता है.
छिलके वाले फल
डॉ दिव्या बताती हैं कि आमतौर पर लोग सेब, नाशपाती या अमरूद जैसे फल भी छिलका उतारकर खाना पसंद करते हैं. जो सही नही हैं. इन फलों के छिलके न सिर्फ ज्यादा पोषण देते हैं बल्कि शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता तथा मेटाबोलिज़्म को मजबूत रखने में मदद करते हैं. सेब का दो-तिहाई फाइबर उसके छिलके में ही होता है, वहीं उनमें क्वेरसेटिन नामक एंटी-ऑक्सीडेंट भी पाया जाता है जो सेहत के लिए लाभदायक होता है. ऐसे ही नाशपाती तथा अमरूद के छिलके भी विटामिन सी और एंटी ऑक्सीडेंट्स सहित अन्य पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं.
सलाद में छिलके वाली सब्जियां
खीरा, मूली तथा टमाटर जैसी सब्जियां जो सलाद में ज्यादा इस्तेमाल होती हैं, का इस्तेमाल भी लोग ज्यादातर छिलके उतार कर करते हैं. जबकि ऐसा करने से बचना चाहिए. टमाटर की त्वचा में फ्लेवोनोइड नारिंगेनिन की मात्रा अधिक होती है, जो कि सूजन को कम करती है और कुछ प्रकार की बीमारियों से भी बचाती है, वहीं गाजर की विभिन्न परतों में बीटा-कैरोटीन, फाइबर, विटामिन के, पोटेशियम और एंटीऑक्सिडेंट जैसे आवश्यक पोषक तत्व प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं. इसका सेवन वजन घटाने में तो मदद करता ही है साथ ही कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में भी प्रभावी होता है.
वहीं, खीरे का छिलका उसके स्वाद को बिल्कुल खराब नही करता है, लेकिन फिर भी लोग सलाद और रायते में उसका उपयोग छिलका उतार कर करते हैं, जिससे छिलके के साथ उसके आधे से ज्यादा पोष्टिक तत्व भी कूडे़ में फिक जाते हैं.
छिलके वाली सब्जियां
आलू के छिलके आयरन, कैल्शियम, पोटेशियम और मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं. डॉ दिव्या बताती हैं कि आलू के छिलकों के सेहत के लिए फ़ायदों को लेकर देश विदेश में काफी शोध भी हुए है जिनमें उसके सम्पूर्ण स्वास्थ्य में फायदे होने की पुष्टि भी हुई है. वहीं, शकरकंद के छिलके में भी फाइबर, बीटा-कैरोटीन, विटामिन सी, विटामिन ई, फोलेट, पोटेशियम और आयरन जैसे पोषक तत्व भरपूर मात्रा में पाये जाते हैं. इसके छिलके में पाया जाने वाला बीटा कैरोटीन एंटीऑक्सीडेंट आंखों की रोशनी में सुधार करने के साथ-साथ हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने में मदद करता है.
कद्द के छिलकों में भी आयरन, विटामिन ए, पोटेशियम काफी अधिक मात्रा में पाया जाता है. वैसे तो ज्यादातर घरों में हरा कद्दू बिना छीले ही बनाया जाता है लेकिन चूंकि पीले कद्दू का छिलका थोड़ा मोटा होता है, इसलिए लोग इसका छिलका उतार देते हैं.
हरी मटर के छिलके भी कई पौष्टिक तत्वों से भरपूर होते हैं. इनमें फाइबर, पोटेशियम , विटामिन तथा कॉपर भरपूर मात्रा में पाया जाता है.
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