नई दिल्ली : कोलेस्ट्रॉल लेवल का दिल के दौरे से गहरा कनेक्शन कहा जाता है. समय समय पर किए गए शोधों व जानकारियों में इसके लेकर अलग अलग विचार आते रहते हैं. ताजा मामले में कहा गया है कि 'अच्छे' कोलेस्ट्रॉल के एक लेवल से ज्यादा होना भी हृदय रोग के जोखिम में कमी की गारंटी नहीं देता है.
अक्सर देखा गया है कि लोग अपने आहार में 'अच्छे' कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ाए रखने का प्रयास करते हैं, मगर नए शोध से पता चला है कि उच्च घनत्व वाले लिपोप्रोटीन (एचडीएल) कोलेस्ट्रॉल हृदय रोग के जोखिम की 'समान रूप से भविष्यवाणी' करने में प्रभावी नहीं हो सकते. नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (एनआईएच) समर्थित अमेरिकन कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी की पत्रिका में प्रकाशित एक शोध निष्कर्ष में कहा गया है कि वर्षों पहले एचडीएल कोलेस्ट्रॉल के निम्न स्तर ने गोरे वयस्कों के लिए दिल के दौरे या इससे संबंधित मौतें बढ़ने जोखिम की भविष्यवाणी की गई थी, लेकिन काले वयस्कों के लिए यह सच नहीं था.
इसके अलावा यह कहा जा रहा है कि उच्च एचडीएल कोलेस्ट्रॉल का स्तर किसी भी समूह के लिए कम हृदय रोग जोखिम से जुड़ा नहीं था.
ओरेगॉन हेल्थ एंड साइंस यूनिवर्सिटी, पोर्टलैंड में नाइट कार्डियोवैस्कुलर इंस्टीट्यूट के भीतर चिकित्सा के सहयोगी प्रोफेसर नथाली पामीर ने कहा, "लक्ष्य इस लंबे समय से स्थापित लिंक को समझना था, जो एचडीएल को फायदेमंद कोलेस्ट्रॉल के रूप में लेबल करता है, और यदि यह सभी जातियों के लिए सच है."