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टीकाकरण के 'प्रतिकूल' प्रभावों के लिए तैयार रहें राज्य : केंद्र

ब्रिटेन समेत कई देशों में शुरू हुए टीकाकरण अभियान के बाद कुछ लाभार्थियों में प्रतिकूल प्रभाव देखे जा रहे है. इसे लेकर भारत के केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा राज्यों को टीकाकरण से पहले इस स्थिति के लिए पहले से तैयार रहने के निर्देश दिए है.

Union Health Secretary Rajesh Bhushan
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण

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Published : Dec 16, 2020, 5:41 PM IST

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि भारत कोविड-19 महामारी के खिलाफ अपनी लड़ाई में अपेक्षाकृत अच्छा कर रहा है. केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कोरोना वैक्सीन लगाने की तैयारियों को लेकर कहा कि 9 हजार कोल्ड चेन प्वाइंट, 240 वॉक-इन कूलर, 70 वॉक-इन फ्रीजर, 45 हजार आइस-लाइनेड रेफ्रिजरेटर, 41 हजार डीप फ्री जर्स और 300 सोलर रेफ्रिजरेटर का उपयोग किया जायेगा. ये सभी उपकरण राज्य सरकारों तक पहुंच चुके हैं.

कोरोना वैक्सीनेशन के बाद उसके प्रतिकूल प्रभावों और घटनाओं के सामने आने के विषय पर स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने इस पर चेतावनी देते हुए कहा कि इस तरह के प्रतिकूल प्रभाव मुख्य रूप से टीकाकरण के बाद बच्चों और गर्भवती महिलाओं में देखे गए हैं. ऐसे में कोविड-19 टीकाकरण शुरू करने बाद एक प्रतिकूल घटना की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता.

भूषण ने अपनी बात रखते हुए अंतर्राष्ट्रीय मामलों का भी हवाला दिया और कहा कि भारत कोविड-19 के लिए टीकाकरण शुरू होने पर प्रतिकूल घटनाओं की संभावनाओं से इनकार नहीं कर सकता.

उन्होंने कहा, 'ब्रिटेन समेत जिन देशों में टीकाकरण पहले ही शुरू हो चुका है, विशेष रूप से ब्रिटेन में, पहले दिन प्रतिकूल घटनाएं हुई.' ऐसे में यह आवश्यक है कि राज्य और केंद्र शासित प्रदेश इसके लिए भी तैयारी करें.

उन्होंने आगे कहा कि इस देश में प्रति दस लाख जनसंख्या पर कोरोना पॉजिटिव मामलों की संख्या दुनिया में सबसे कम है. भूषण ने कहा कि वैश्विक औसत जहां प्रति दस लाख जनसंख्या पर 9 हजार है, वहीं भारत में मामलों की संख्या प्रति दस लाख आबादी पर 7 हजार 178 है.

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