लंदन :शोधकर्ताओं ने गुरुवार को चेतावनी दी कि कोविड-19 रोगियों में संक्रमित होने के बाद कम से कम 18 महीने तक मौत का खतरा बढ़ जाता है. यूरोपियन सोसाइटी ऑफ कार्डियोलॉजी की एक पत्रिका, कार्डियोवास्कुलर रिसर्च में प्रकाशित लगभग 1लाख 60 हजार प्रतिभागियों के अध्ययन के अनुसार कोविड रोगियों में असंक्रमित प्रतिभागियों की तुलना में हृदय संबंधी विकार विकसित होने की संभावना अधिक है. इससे उनमें मौत का खतरा बढ़ जाता है.
हांग विश्वविद्यालय के प्रोफेसर इयान सीके वोंग ने कहा, निष्कर्ष बताते हैं कि गंभीर बीमारी से उबरने के बाद कम से कम एक साल तक कोविड-19 वाले रोगियों की निगरानी की जानी चाहिए. असंक्रमित व्यक्तियों की तुलना में संक्रमित व्यक्तियों में संक्रमण के पहले तीन हफ्तों में कोविड-19 रोगियों के मरने की संभावना 81 गुना अधिक और 18 महीने बाद तक पांच गुना अधिक है. अध्ययन के अनुसार गंभीर कोविड-19 वाले मरीजों में प्रमुख हृदय रोग विकसित होने या गैर-गंभीर मामलों की तुलना में मरने की संभावना अधिक है.
कोविड -19 रोगियों में मायोकार्डियल इन्फ्रक्शन, कोरोनरी हृदय रोग, दिल की विफलता और गहरी शिरा घनास्त्रता सहित छोटी और लंबी अवधि दोनों में असंक्रमित प्रतिभागियों की तुलना में हृदय संबंधी विकारों की अधिक संभावना है. प्रोफेसर वोंग ने कहा, यह अध्ययन महामारी की पहली लहर के दौरान आयोजित किया गया था. लोहिया अस्पताल के वरिष्ठ कार्डियोलॉजिस्ट डाॅ. भुवन चंद्र तिवारी (Dr Bhuvan Chandra Cardiologist Lohia Hospital) से बातचीत की. Dr Bhuvan Chandra Tiwari.
प्रश्न- कोविड की पहली और दूसरी लहर की चपेट में आने वाले लोगों को सीने के बाएं हिस्से में दर्द होने की समस्या आ रही है. जबलपुर मेडिकल कॉलेज के फाॅरेंसिक विभाग की रिसर्च (Jabalpur Medical College Forensic Department Research) के हवाले से कहा जा रहा है कि युवाओं का दिल कोरोना की चपेट में आकर कमजोर हो गया है. तो इसका क्या मतलब निकाला जाए. दिल कमजोर किस प्रकार से हो गया है?
उत्तर : लंग्स पर जो वायरस असर करता है मुख्य तौर पर वह धीरे-धीरे हार्ट, किडनी और ब्रेन पर असर करता है. काफी सारे लोगों को उस दौरान हार्टअटैक भी हुआ. इसके अलावा अब लोगों में इसका रिएक्शन देखने को मिल रहा है. दिल की धमनियों में भी सूजन आ जाती है, खासकर से वह लोग जिनको पहले कोरोना हो चुका है और वह ठीक हो गए हैं, उन्हें अधिक सचेत रहने की जरूरत है. जो स्मोकिंग करते हैं, एक्सरसाइज नहीं करते अपनी डाइट में जंक फूड का सेवन अधिक करते हैं ऐसे लोगों मे हार्टअटैक का खतरा बढ़ सकता है.