पैकेटबंद या प्रोसेस्ड खाना जैसे चिप्स, कैंडी, कोल्ड ड्रिंक, रिफाइंड अनाज आदि में भारी मात्रा में कार्ब्स यानी कार्बोहाइड्रेट पाया जाता है. इसके सेवन से वजन का बढ़ना, मधुमेह आदि समस्या आती है. इसलिए कई लोग परहेज के तौर पर अपने खानपान से कार्ब्स को पूर्ण रूप से हटा देते है.
लेकिन क्या शरीर को वाकई कार्ब्स की जरूरत नहीं हैं. प्लेट से कार्ब्स की कटौती का सेहत पर क्या असर होता है. न्यूट्रिशनिस्ट दिव्या गुप्ता ने ETV भारत सुखीभवा से कार्ब्स से होने वाले फायदे और नुकसान के बारे में विस्तृत जानकारी दी है.
कार्ब्स का सेहत पर असर
न्यूट्रिशनिस्ट दिव्या का कहना है कि कार्ब्स हमारे शरीर के लिए महत्वपूर्ण पोषक तत्व माना जाता है. इससे हमें उर्जा मिलती है, इसलिए कार्ब्स को अपनी डाइट से पूरी तरह हटाना गलत है. इसके लिए जरूरी होता है कैलोरी और कार्ब्स जैसे पोषक तत्वों का वितरण करना. खास तौर पर मधुमेह के मरीजों को कार्बोहाइड्रेट लेना वर्जित होता है, इसके लिए उन्हें कार्ब्स के वितरण के बारे में शिक्षित किया जाता है और उसके अनुसार आहार दिया जाता है.
माप कर ले कार्ब्स
किसी भी आहार में कार्ब्स की मात्रा उसके सेवन पर निर्भर करती है, जो उस खाद्य पदार्थ का भाग होता है, जिसे पोर्शन साइज भी कहा जाता है. न्यूट्रिशनिस्ट ने सलाह दी है कि आप खाद्य पदार्थों के पैकेट पर दिए गये न्यूट्रीशन लेबल के जरिए कार्ब्स की मात्रा की जानकारी ले सकते है. इसके साथ ही मरीजों को पोर्शन साइज के बारे में जानकारी दी जानी चाहिए, जिसकी मदद से वे सभी खाद्य पदार्थों को चम्मच, कप या वेइंग स्केल से माप कर सेवन कर सकते है.
मधुमेह के मरीज ले सकते है कार्ब्स