श्री थामस गाड़ी चलाकर ऑफिस से अपने घर जा रहे थे, गाड़ी चलाते-चलाते अचानक से वह भ्रमित यानि अपनी अवस्था से अनजान महसूस करने लगे और उन्होंने सड़क के बीच में ही अपनी गाड़ी रोक दी , कुछ क्षणों तक ऐसी ही स्थिति में रहने के बाद वह वापस से सामान्य स्थिति में आए और स्वयं अपनी गाड़ी चला कर अपने घर पहुंचे । इस घटना के लगभग एक घंटे बाद घर पहुँचने पर उन्होंने महसूस किया कि उन्हे चलने के लिए अपना सीधा पाव घसीटना पड़ रहा है । यहां तक कि वह अपना संतुलन भी नहीं बना पा रहे थे । स्थिति की गंभीरता को समझते हुए वह तुरंत अपने परिजनों की मदद से अस्पताल पहुंचे । जहां कुछ ही मिनटों में उनकी न्यूरोलॉजिकल जांच की गई तथा इलाज शुरू कर दिया गया, तो पता चला की श्री थामस को स्ट्रोक यानि मस्तिष्क आघात की समस्या हुई थी। तुरंत उपचार मिल पाने के कारण इस घटना के 5 दिन बाद श्री थॉमस सामान्य महसूस कर पाने में सक्षम हो पाए।
क्यों होता है स्ट्रोक तथा किसी भी प्रकार की क्षति के कारण मस्तिष्क में उत्पन्न होने वाली अक्षमताएं हमारे शरीर को किस तरह से प्रभावित कर सकती हैं इस बारे में विक्टर अस्पताल, गोवा के न्यूरो सर्जरी विभाग में कार्यरत डॉक्टर एंटोनियो फेगुरेडो ने ईटीवी भारत सुखीभवा की टीम को विस्तार से जानकारी दी । उन्होंने बताया कि श्री थामस की अवस्था इसलिए सामान्य हो पाई क्योंकि उन्होंने गोल्डन ऑवर यानी स्ट्रोक के तुरंत बाद वाले 1 घंटे में बगैर समय खराब किए अपना उपचार शुरू करवा दिया, यही कारण रहा कि अगले 5 दिन में उनकी स्थिति काफी हद तक सामान्य हो गई । लेकिन यदि स्ट्रोक के तुरंत बाद उपचार में देरी की जाए तो न सिर्फ पीड़ित के मस्तिष्क को स्थाई क्षति पहुँच सकती है बल्कि वह अपंगता का भी शिकार हो सकता है।
मस्तिष्क क्षति के सामान्य प्रकार
डॉक्टर एंटोनियो बताते हैं कि मस्तिष्क में किसी भी प्रकार की क्षति के दो मुख्य प्रकार हो सकते हैं। किसी चोट के कारण यानि ट्रोमेटिक या फिर नॉन ट्रोमेटिक यानि जहां किसी भी प्रकार की चोट का इतिहास ना हो । ट्रॉमेटिक अवस्था यानी मस्तिष्क में लगने वाली किसी चोट के कारण होने वाले रक्तस्राव तथा उसके चलते मस्तिष्क के कुछ हिस्सों के रक्त से ढक जाने या रक्त के थक्के बन जाने के कारण उत्पन्न होने वाली समस्याएं होती हैं। वहीं नॉन्ट्रॉमेटिक समस्याएं वे अवस्थाए कहलाती हैं जब किसी भी कारण से मस्तिष्क में रक्त की आपूर्ति कम हो जाती है या बंद हो जाती है ।
मस्तिष्क में क्षति या स्ट्रोक के सामान्य लक्षण
मस्तिष्क में होने वाली किसी भी प्रकार की क्षति के हमारे शरीर के विभिन्न अंगों पर अलग-अलग लक्षण नजर आ सकते हैं । जिनमें से कुछ लक्षण इस प्रकार हैं ।
- चेहरे, हाथ या पांव की कार्य क्षमता में कमी विशेषकर किसी एक हिस्से में धीमापन आना, या उस हिस्से का किसी भी प्रकार का कार्य करने में अक्षम हो जाना ।
- भ्रम होना , बात करने में असुविधा होंना, दूसरे की बात या भाषा को समझने में परेशानी होना ।
- उल्टी व चक्कर जैसा महसूस होना, शरीर का संतुलन बनाए रखने में असमर्थता ।
- हल्का या तेज सर दर्द ।
- एक या दोनों आंखों में दृष्टि दोष होना ।
- लगातार उल्टी तथा चक्कर आने जैसा महसूस होना।
- खाने को निगलने में परेशानी तथा आवाज बदलना।
- पेशाब या मल त्यागने से नियंत्रण हट जाना।
कब लें चिकित्सीय सलाह