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BHU के वैज्ञानिकों को मिला कोविड वायरस की जांच के लिए जर्मन पेटेंट - जर्मन पेटेंट

बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं की टीम को जर्मन पेटेंट एंड ट्रेड मार्क कार्यालय के द्वारा पेटेंट प्रदान किया गया है. ये लोग कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में सफल शोध की ओर आगे बढ़ने की कोशिश कर रहे हैं..

BHU scientists get German patent for testing of Covid virus
BHU के वैज्ञानिकों को मिला कोविड वायरस की जांच के लिए जर्मन पेटेंट

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Published : Jun 3, 2023, 10:37 AM IST

Updated : Jun 3, 2023, 10:45 AM IST

वाराणसी : बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस के सेंटर फॉर जेनेटिक डिसऑर्डर के वैज्ञानिकों को कोविड-19 के खिलाफ एक नोवेल थैरिपेडिक के साथ आने के लिए एक जर्मन पेटेंट दिया गया है, जिसमें सोमिनफेरिसिन का उपयोग किया गया है. यह एक फाइटो मॉलिक्यूल है, जो सार्स सीओवी-2 वायरस के विकास और प्रसार को रोकता है.

प्रो परिमल दास के नेतृत्व में शोधकर्ताओं की टीम को जर्मन पेटेंट एंड ट्रेड मार्क कार्यालय (डीपीएमए) द्वारा उनके काम के लिए पेटेंट प्रदान किया गया है, जिसे कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में सफल शोध माना जा रहा है.

प्रमुख शोधकर्ताओं में से एक, सेंटर फॉर जेनेटिक डिसऑर्डर के समन्वयक, प्रोफेसर परिमल दास ने कहा, यह जर्मन पेटेंट सार्स सीओवी-2 वायरस से निपटने के लिए समाधान खोजने के लिए हमारी टीम के समर्पण और प्रतिबद्धता का एक उदाहरण है. हमारा मानना है कि सोम्नीफेरिसिन फाइटो मॉलिक्यूल ग्रोथ इनहिबिटर में इस वैश्विक महामारी के खिलाफ चल रही लड़ाई में महत्वपूर्ण प्रभाव डालने की क्षमता है.

BHU के वैज्ञानिकों को मिला कोविड वायरस की जांच के लिए जर्मन पेटेंट

उनके अनुसार, अवरोधक सार्स सीओवी-2 वायरस से निपटने के लिए एक प्रभावी हथियार के रूप में महत्वपूर्ण क्षमता रखता है, जिसने सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए वैश्विक खतरा पैदा कर दिया है.

उन्होंने कहा, इस सफलता के विकास का उद्देश्य वायरस के विकास और प्रसार को रोकने के लिए एक नोवेल दृष्टिकोण प्रदान करना है, जो संभावित रूप से बेहतर उपचार विकल्पों और निवारक उपायों के लिए अग्रणी है. अभिनव प्रणाली सार्स सीओवी-2 वायरस के विकास को प्रभावी ढंग से बाधित करने के लिए सोम्निफेरिसिन फाइटो मॉलिक्यूल की शक्ति का उपयोग करती है.

शोधकर्ताओं की टीम ने इस अत्याधुनिक समाधान को विकसित करने में काफी प्रयास किया है, जिसमें वायरोलॉजी, फार्माकोलॉजी और मॉलिक्यूल बायलॉजी में उनकी विशेषज्ञता शामिल है.

उन्होंने कहा कि रिसर्च टीम की सफलता की खोज ने सार्स सीओवी-2 वायरस के खिलाफ एंटीवायरल थेरेपी और निवारक उपायों के विकास की नई संभावनाएं खोली हैं. उन्होंने आगे कहा कि पेटेंट संरक्षण के साथ, रिसर्च टीम अब सोम्नीफेरिसिन फाइटो मॉलिक्यूल ग्रोथ इनहिबिटर के संभावित अनुप्रयोगों का पता लगाने के लिए तैयार है.

वे सक्रिय रूप से फार्मास्युटिकल कंपनियों, अनुसंधान संस्थानों और स्वास्थ्य सेवा संगठनों के साथ साझेदारी और सहयोग की मांग कर रहे हैं ताकि इस क्रांतिकारी नवाचार के विकास और अंतिम तैनाती में तेजी लाई जा सके.

--आईएएनएस

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Last Updated : Jun 3, 2023, 10:45 AM IST

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