भारत बायोटेक ने कोवैक्सीन के तीसरे ट्रायल के लिए भर्ती किए 13 हजार स्वयंसेवक - एनआईवी
भारत बायोटेक ने तीसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल की शुरूआत की है. कोविड-19 वैक्सीन कोवैक्सीन को भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) - नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) के सहयोग से विकसित किया गया है.
भारत बायोटेक ने मंगलवार को 13 हजार वॉलिंटियर्स की सफल भर्ती की घोषणा की और भारत में कई साइटों पर अपने कोरोनावायरस वैक्सीन कोवैक्सीन के तीसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल के लिए 26 हजार प्रतिभागियों के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में प्रगति जारी रखी. कोवैक्सीन के तीसरे चरण का ट्रायल नवंबर के मध्य में शुरू किया गया, पूरे भारत में 26 हजार वॉलिंटियर्स पर करने का लक्ष्य रखा गया है.
भारत बायोटेक की संयुक्त प्रबंध निदेशक सुचित्रा एला ने इसे भारत में एक अभूतपूर्व वैक्सीन परीक्षण करार दिया. उन्होंने कहा कि वे भागीदारी में लगातार वृद्धि से अभिभूत हैं. सुचित्रा ने कहा, "हम देशभर के सभी 13 हजार वॉलिंटियर्स को कोविड-19 के लिए एक सुरक्षित और प्रभावकारी भारतीय वैक्सीन बाहर लाने में सक्षम बनाने में उनके समर्थन के लिए धन्यवाद देते हैं. यह प्रो-वैक्सीन पब्लिक हेल्थ वॉलटियरिज्म हमारे लिए हमारा लक्ष्य 26 हजार जल्द हासिल करने के लिए मनोबल बढ़ाने वाला है."
भारत बायोटेक द्वारा भारत के स्वदेशी कोविड-19 वैक्सीन कोवैक्सीन को भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) - नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) के सहयोग से विकसित किया गया है.