क्या आप भी उन लोगों में से हैं, जो मौसम बदलने पर या फिर शरीर में थकान लगने या किसी भी अन्य कारण से इंटरनेट वाले डॉक्टर यानी सर्च इंजन की मदद लेकर या किसी पड़ोसी और दोस्त की बातों में आकर कोई भी आयुर्वेदिक दवाई लेना शुरू कर देते हैं. यदि हां, तो सचेत हो जाइए, क्योंकि बगैर किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह लिए बिना ली गई दवाईयां आपके शरीर पर विपरीत प्रभाव भी डाल सकती हैं. गौरतलब है कि आयुर्वेदिक दवाईयां प्राकृतिक तत्वों, रोगी के शारीरिक दोषों और ऋतुचर्या को ध्यान में रख कर दी जाती हैं, इसलिए बगैर किसी चिकित्सक की सलाह लिए, उनका सेवन सही नहीं है.
प्राचीनकाल से ही हम हिंदुस्तानी शारीरिक स्वास्थ्य या किसी भी प्रकार अस्वस्थता के लिए आयुर्वेद पर भरोसा करते आए हैं. जिसका प्रमाण हमारे शास्त्रों में भी मिलता है. हालांकि, समय के साथ-साथ एलोपैथिक दवाईयों पर लोगों की निर्भरता बढ़ी है. लेकिन आज भी हमारी जनसंख्या का एक बड़ा प्रतिशत है, जो आयुर्वेदिक दवाईयों का अनुसरण करता है. विशेष तौर पर रोग प्रतिरोधक दवाईयों के लिए लोग ज्यादातर आयुर्वेद पर ही भरोसा करते हैं.
आयुर्वेदिक दवाईयों का असर
बाजार में शारीरिक ताकत या रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने तथा कुछ विशेष बीमारियों से बचाव के लिए बहुत सी आयुर्वेदिक दवाईयां मिलती हैं. महिलाओं की मासिक समस्याओं संबंधी, पुरुषों में जोश जगाने वाली, शरीर में खून बढ़ाने वाली तथा बच्चों में यादाश्त बढ़ाने वाली आदि बहुत सी दवाईयां जिन्हें लोग बगैर किसी चिकित्सक से सलाह लिए सेवन कर लेते हैं. लेकिन यह खुद चिकित्सक बनने की आदत कई बार लोगों पर तब भारी भी पड़ जाती है, जब वे शरीर पर उलटा असर दिखाती हैं.