नवजात बच्चे के लिए मां का दूध कितना जरूरी है, इस बारे में लगभग सभी जानते हैं. मां का दूध न सिर्फ बच्चे को बीमारियों से एक सुरक्षा कवच देता है, बल्कि स्तनपान कराने वाली मां को भी कई बीमारियों से बचाता हैं. लेकिन कई बार मां को बुखार, किसी प्रकार के संक्रमण या किसी शारीरिक विकार सहित विभिन्न कारणों से मां के शरीर में पर्याप्त मात्रा में दूध का उत्पादन नहीं हो पाता है या फिर दूध की गुणवत्ता में कमी देखने में आती है. गौरतलब है कि वर्तमान सप्ताह हमारे देश में स्तनपान सप्ताह के रूप में मनाया जा रहा है. इस उपलक्ष्य में मां के दूध की गुणवत्ता तथा माता के शरीर में दूध के कम उत्पादन के कारणों के बारे में ETV भारत सुखीभवा टीम ने बीएमएस, एमडी तथा डॉ. बीआरकेआर सरकारी आयुर्वेदिक महाविद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ. श्रीकांत बाबू पेरेगू से बात की.
कैसे जांचे गुणवत्ता
डॉ. श्रीकांत ने नई मां यानि जच्चा में दूध के कम उत्पादन और उसकी गुणवत्ता के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि जरूरी नहीं है कि हमेशा मां के दूध की गुणवत्ता सही हो और उसके शरीर में पर्याप्त मात्रा में दूध बन रहा हो. कई बार विभिन्न शारीरिक अस्वस्थताओं व पोषक तत्वों की कमी के चलते मां के शरीर में कम मात्रा में दूध बनता है और उसमें संक्रमण भी देखने में आता है. अब ये कैसे पता चले की माता के दूध में संक्रमण है या नहीं. शुरूआती तौर पर घर में ही यह जांचा जा सकता है. इसके लिए मां के थोड़े से दूध को पानी में डाल कर देखें यदि दूध घुल जाता है, तो इसका मतलब दूध बिलकुल ठीक है. लेकिन यदि दूध पानी में नहीं घुलता है और पात्र की सतह पर बैठ जाता है या फिर वह बहुत गाढ़ा और चिपचिपा होता है और उससे महक आती है. इसका मतलब दूध में संक्रमण है. ऐसा होता है तो तत्काल चिकित्सक की सलाह अनिवार्य हो जाती है.
क्यों होती है मां के दूध में कमी