सिडनी : एक अध्ययन के अनुसार एंटीसाइकोटिक दवाएं, क्वेटियापाइन और हेलोपरिडोल का उपयोग अचानक कार्डियक डेथ (एससीडी) के बढ़ते जोखिम से जुड़ा हुआ है. हार्ट रिदम जर्नल में प्रकाशित अध्ययन में, शोधकर्ताओं ने इन दवाओं को निर्धारित करने वाले मरीजों में हृदय संबंधी जोखिमों को प्रबंधित करने के लिए सावधानी बरतने की सलाह दी.
एंटीसाइकोटिक्स के उपयोग से जुड़ी हृदय संबंधी स्थितियों के खतरे पिछले 30 वर्षों से चिंता का विषय रहे हैं. उच्च जोखिम के चलते दवाओं को पहले या तो बाजार से हटा दिया गया था या उनका उपयोग प्रतिबंधित कर दिया गया था.
दवा-प्रेरित कार्डियक एरिथमिया एक बड़ा क्लीनिकल मुद्दा है, क्योंकि ऐसी दवाएं हैं जो एससीडी के जोखिम को बढ़ाती हैं, लेकिन वे बाजार में बनी रहती हैं क्योंकि वे महत्वपूर्ण क्लीनिकल आवश्यकता को पूरा करती हैं, और उनका कोई सुरक्षित विकल्प नहीं हैं. ऑस्ट्रेलिया के न्यू साउथ वेल्स में विक्टर चांग कार्डिएक रिसर्च इंस्टीट्यूट के जेमी वैंडेनबर्ग ने कहा, 'अमेरिका में बाजार में उपलब्ध 41 दवाओं में से 5 एंटीसाइकोटिक दवाएं हैं, जो सिजोफ्रेनिया और साइकोसिस के इलाज का मुख्य आधार हैं.'
वैंडेनबर्ग ने कहा, 'एंटीसाइकोटिक दवाओं के उपयोग से सडन कार्डियक डेथ का जोखिम लगभग दो गुना बढ़ जाता है. यदि हम इस जोखिम को समाप्त नहीं कर सकते हैं, तो कम से कम, हमें उच्चतम जोखिम वाले मरीजों की पहचान करके और उन्हें अधिक बारीकी से प्रबंधित करके जोखिम को कम करने की आवश्यकता है.' रिसर्च में ताइवान के एक स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से मरीजों के एक बड़े समूह के इलेक्ट्रॉनिक मेडिकल रिकॉर्ड का पूर्वव्यापी विश्लेषण शामिल था, जिन्हें क्वेटियापाइन या हेलोपरिडोल थेरेपी प्राप्त हुई थी.