नई दिल्ली : भारत में हर साल कैंसर से करीब पांच लाख लोगों की मौत होती है. एक अनुमान के मुताबिक भारत में हर साल कैंसर के करीब 10 लाख नए मामले सामने आते हैं. कैंसर को नियंत्रण में लाने के लिए बार-बार उपचार जैसे विकिरण, कीमोथेरेपी और सर्जरी का उपयोग किया जाता है, ये उपचार रोगियों को थका देते हैं और उनके जीवन की गुणवत्ता को कम कर देते हैं. अब केंद्रीय आयुष मंत्रालय के तहत राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान (एनआईए) ने अपनी तरह की पहली पहल के तहत कैंसर-रोधी आयुर्वेदिक दवा 'वी2एस2' की प्रभावकारिता का परीक्षण करने के लिए टाटा मेमोरियल अस्पताल , मुंबई, जम्मू-कश्मीर के आयुष महानिदेशालय और एआईएमआईएल फार्मास्युटिकल्स से हाथ मिलाया है.
National Institute of Ayurveda - NIA -द्वारा विकसित V2S2 का सूत्र कई औषधीय पौधों के हाइड्रो-अल्कोहलिक अर्क से तैयार किया जाता है. प्रयोगशाला परीक्षणों में इसके anti-carcinogenic properties ( एंटी-कार्सिनोजेनिक गुणों) की पुष्टि पहले ही हो चुकी है. यह प्रतिरक्षा बढ़ाने और cancer cells ( कैंसर कोशिकाओं ) के विकास को रोकने में भी प्रभावी पाया गया है. इसके औपचारिक in-vivo testing (इन-विवो परीक्षण ) के लिए नवीनतम समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं. समझौते पर हस्ताक्षर पर प्रतिक्रिया देते हुए जयपुर स्थित NIA Vice-Chancellor Sanjeev Sharma (एनआईए के वाइस चांसलर संजीव शर्मा ) ने कहा कि जानवरों पर दवा का परीक्षण जल्द ही शुरू होगा.
Sanjeev Sharma ने कहा : "ये परीक्षण Tata Memorial Hospital , Mumbai में 9-12 महीने की अवधि में आयोजित किए जाएंगे. परिणामों के आधार पर मनुष्यों पर परीक्षण NIA और Jammu Kashmir Ayush Department द्वारा किया जाएगा. दवा के निर्माण का कार्य AIMIL Pharmaceuticals को सौंपा गया है, जो इसे सार्वजनिक खपत के लिए बाजार में लॉन्च करेगी."