वर्तमान समय में बड़ी संख्या में Heart attacks या cardiac arrest और अन्य cardiovascular diseases ( हार्ट अटैक या कार्डियक अरेस्ट , कार्डियोवैस्कुलर बीमारियां ) चिंता का प्रमुख कारण बनती जा रही हैं. हृदय रोग विशेषज्ञों के अनुसार, पिछले एक दशक में दिल के दौरे से पीड़ित लोगों की संख्या में इजाफा हुआ है. हार्ट अटैक के मरीजों को अब Angioplasty ( एनजीओप्लास्टी ) में नई तकनीक के स्टेंट का लाभ मिलेगा. इसका सफल ऑपरेशन कर लिया गया है. Cardiac arrest . cardiovascular diseases . .angioplasty operation . heart diseases . heart attack operation .
मेटल का स्टेंट नुकसानदायक
सफल ऑपरेशन करने वाले Dr Aditya Kumar ( डॉक्टर आदित्य कुमार ) ने बताया कि नई तकनीक से angioplasty operation ( एनजीओप्लास्टी ) करने पर मरीज को बहुत राहत मिलेगी. इससे आगे भी कोई समस्या नहीं होगी. पटना के पाटलिपुत्र स्थित Asian Hospital Patna ( एशियन हॉस्पिटल ) में एक मरीज का नई तकनीक से सफल angioplasty किया गया है. डॉक्टर आदित्य कुमार ने बताया कि पहले हार्ट अटैक के मरीजों को angioplasty में Metal stent लगाया जाता था, जो शरीर के लिए नुकसानदायक होता था. अब तकनीक विकसित हो गई है. अब मरीज को पॉलीमर का स्टेंट ( Polymer stent technique )लगाया जाता है जो शरीर में घुल मिल जाएगा. एक से डेढ़ वर्षों के बाद पता भी नहीं चलेगा कि हर्ट में कोई एनजीओप्लास्टी हुई है. सामान्य भाषा में इसे Soluble stent ( सॉल्युबल स्टेंट ) कहा जाता है. बिहार में पहली बार यह ऑपरेशन सफल हुआ है.
पॉलीमर स्टेंट घुल जाता है
सफल सर्जरी को अंजाम देने वाले Cardiologist Dr Aditya Kumar है. उन्होंने बताया कि यह बायो रिवर्सिबल स्कैफोल्ड मेटल फ्री स्टेंट है. पहले जो स्टंट लगाए जाते थे उसमें मेटल का प्लेटफार्म होता था. लेकिन Polymer stent नई तकनीक से आया है. उसमें एक दवाई दी जाती है जिससे की आर्टरी का ग्रोथ न हो. इस स्टेंट की सबसे बड़ी खासियत है कि इसमें कोई मेटल का पार्ट नहीं है. डेढ़ से 2 वर्षों में यह पॉलीमर शरीर में घुल जाता है. इससे बाद में पता ही नहीं चलेगा कि शरीर में पहले कोई स्टेंट लगा है.