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SPECIAL : दिल की बीमारी के इलाज में वरदान साबित हो सकती है नई तकनीक

Heart attacks के मरीजों की नई तकनीक से इलाज में राहत मिलेगी. मरीजों को अब Angioplasty ( एनजीओप्लास्टी ) में नई तकनीक के स्टेंट का लाभ मिलेगा. दिल की बीमारी के इलाज में वरदान साबित हो सकती है नई तकनीक, इसके बारे में बता रहे हैं Asian Hospital के Cardiologist Dr Aditya Kumar... Cardiac arrest . cardiovascular diseases . heart attack operation . angioplasty operation . heart diseases .

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Published : Jan 3, 2023, 12:07 PM IST

वर्तमान समय में बड़ी संख्या में Heart attacks या cardiac arrest और अन्य cardiovascular diseases ( हार्ट अटैक या कार्डियक अरेस्ट , कार्डियोवैस्कुलर बीमारियां ) चिंता का प्रमुख कारण बनती जा रही हैं. हृदय रोग विशेषज्ञों के अनुसार, पिछले एक दशक में दिल के दौरे से पीड़ित लोगों की संख्या में इजाफा हुआ है. हार्ट अटैक के मरीजों को अब Angioplasty ( एनजीओप्लास्टी ) में नई तकनीक के स्टेंट का लाभ मिलेगा. इसका सफल ऑपरेशन कर लिया गया है. Cardiac arrest . cardiovascular diseases . .angioplasty operation . heart diseases . heart attack operation .

हृदय रोग ऑपरेशन, नई तकनीक

मेटल का स्टेंट नुकसानदायक
सफल ऑपरेशन करने वाले Dr Aditya Kumar ( डॉक्टर आदित्य कुमार ) ने बताया कि नई तकनीक से angioplasty operation ( एनजीओप्लास्टी ) करने पर मरीज को बहुत राहत मिलेगी. इससे आगे भी कोई समस्या नहीं होगी. पटना के पाटलिपुत्र स्थित Asian Hospital Patna ( एशियन हॉस्पिटल ) में एक मरीज का नई तकनीक से सफल angioplasty किया गया है. डॉक्टर आदित्य कुमार ने बताया कि पहले हार्ट अटैक के मरीजों को angioplasty में Metal stent लगाया जाता था, जो शरीर के लिए नुकसानदायक होता था. अब तकनीक विकसित हो गई है. अब मरीज को पॉलीमर का स्टेंट ( Polymer stent technique )लगाया जाता है जो शरीर में घुल मिल जाएगा. एक से डेढ़ वर्षों के बाद पता भी नहीं चलेगा कि हर्ट में कोई एनजीओप्लास्टी हुई है. सामान्य भाषा में इसे Soluble stent ( सॉल्युबल स्टेंट ) कहा जाता है. बिहार में पहली बार यह ऑपरेशन सफल हुआ है.

पॉलीमर स्टेंट घुल जाता है
सफल सर्जरी को अंजाम देने वाले Cardiologist Dr Aditya Kumar है. उन्होंने बताया कि यह बायो रिवर्सिबल स्कैफोल्ड मेटल फ्री स्टेंट है. पहले जो स्टंट लगाए जाते थे उसमें मेटल का प्लेटफार्म होता था. लेकिन Polymer stent नई तकनीक से आया है. उसमें एक दवाई दी जाती है जिससे की आर्टरी का ग्रोथ न हो. इस स्टेंट की सबसे बड़ी खासियत है कि इसमें कोई मेटल का पार्ट नहीं है. डेढ़ से 2 वर्षों में यह पॉलीमर शरीर में घुल जाता है. इससे बाद में पता ही नहीं चलेगा कि शरीर में पहले कोई स्टेंट लगा है.

हृदय रोग ऑपरेशन, नई तकनीक

नई स्टेंट काफी लाभदायक
जिन पेशेंट में ब्लीडिंग का रिस्क अधिक है, जिन्हें प्लेटलेट या ब्लड थिनर अगले 1 साल तक देने की आवश्यकता पड़ती है. ऐसे पेशेंट के लिए यह स्टेंट काफी लाभदायक है. इस स्टेंट को इमप्लांट करने के बाद 1 साल के पहले ही मरीज में ब्लड थिनर का इस्तेमाल बंद किया जा सकता है. इसकी क्षमता आजीवन के लिए है. इस तकनीक से एनजीओप्लास्टी के बाद कुछ समय बाद आर्टरी पूरी तरह से नार्मल दिखने लगेगा.

पॉलीमर स्टेंट थोड़ा महंगा लेकिन अच्छा
Dr Aditya Kumar ने बताया कि वैशाली के एक 54 वर्षीय मरीज पहुंचे थे. एंजियोग्राफी में पता चला कि आर्टरी में 90% ब्लॉकेज है. उन लोगों ने नई तकनीक से एनजीओप्लास्टी करने का निर्णय लिया. सर्जरी सफलतापूर्वक संपन्न हुआ. मरीज की तबीयत पूरी तरह स्वस्थ है. बताया कि पॉलीमर का सटेंट थोड़ महंगा है. पहले के स्टेंट से 30 हजार रुपए अधिक महंगा है. इस स्टेंट की कीमत 1 लाख है.

फिजिकल एक्टिविटी पर ध्यान दें
Dr Aditya Kumar ने बताया कि युवाओं में अब हार्ट अटैक के मामले बढ़ रहे हैं. ऐसे में अपने फिजिकल एक्टिविटी पर ध्यान देना होगा. प्रतिदिन कम से कम 20 मिनट ब्रिस्क वॉक बेहद जरूरी है. खानपान में अधिक कोलेस्ट्रॉल युक्त भोजन नहीं करें. स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं, हाईपरटेंशन और मधुमेह से बचकर रहें. स्मोकिंग और अन्य तंबाकू पदार्थों का सेवन पूरी तरह बंद करें. heart diseases .Cardiac arrest . cardiovascular diseases . polymer stent technique . angioplasty operation .

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