आंवला एक ऐसा फल है जिसे संजीवनी की उपमा भी दी जाती है. आयुर्वेद के अनुसार आंवले के सौन्दर्य और सेहत दोनों को लेकर अनगिनत लाभ हैं. इसके नियमित सेवन से बालों का झड़ना, एसिडिटी, पाचन संबंधी समस्याओं, वजन कम होना, थायराइड, मधुमेह, आंखों की रोशनी में सुधार, रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है. इसे फ़ायदों तथा गुणों के चलते इसे औषधी की संज्ञा भी दी जाती है. उत्तराखंड की आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ वंदना कैंथुरा बताती हैं कि आंवला सिर के बालों से लेकर पैरों तक शरीर को फायदा पहुंचाता है. वैसे तो आंवले का सेवन 12 महीने फायदा पहुंचाता है लेकिन सर्दियों के लिए इसे सुपरफ़ूड माना जाता है. सर्दियों में एक आंवला रोज खाने से महिलाओं और पुरुषों, दोनों की सेहत को काफी लाभ पहुंचता है.
आयुर्वेद में आंवला
डॉ वंदना कैंथुरा बताती हैं कि चाहे आंवले का जूस हो , मुरब्बा हो, पाउडर , अचार या चटनी हो , इसका सेवन हर तरह से शरीर को फायदा पहुंचाता है. इसमें विटामिन, मिनरल, और अन्य पोषक तत्व भरपूर मात्रा में मिलते हैं. यह विटामिन सी के मुख्य स्त्रोत्रों में से एक माना जाता है. उदारहण के लिए 100 ग्राम आंवले में संतरे से 10 से 30 गुना अधिक विटामिन सी होता है. इसीलिए विशेषतौर पर सर्दियों में आंवले का नियमित सेवन बहुत उपयोगी होता है.
वह बताती हैं कि आंवले को आयुर्वेद में अमृतफल कहा गया है तथा आयुर्वेदिक औषधियों में इसका इस्तेमाल प्राचीन काल से किया जाता रहा है. यही नही इसके गुणों का उल्लेख चरक संहिता तथा सुश्रुत संहिता में भी मिलता है.
आयुर्वेद में आंवला को अधोभागहर संशमन औषधि की संज्ञा दी जाती है जो शरीर के दोष को मल के माध्यम से शरीर से बाहर निकालने में मदद करती है . बुखारकम करने, खांसी ठीक करने और कुष्ठ रोग का नाश करने वाली औषधियों सहित कई अन्य प्रकार की औषधियों में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है. इसके अलावा पाचन संबंधित रोगों और पीलिया में भी आंवला का सेवन उपयोगी माना जाता है. यही नही सौन्दर्य विशेषकर बालों के स्वास्थ्य को बनाए रखने में इसका सेवन बहुत उपयोगी माना जाता है.
डॉ वंदना बताती हैं कि प्रतिदिन विशेषकर सुबह खाली पेट एक आंवले का सेवन कई बीमारियों से बचा सकता है. लेकिन यहाँ यह ध्यान रखना जरूरी है की आंवले का उपयोग नियंत्रित मात्रा में ही करना चाहिए क्योंकि ज्यादा मात्रा में इसका सेवन सेहत को नुकसान भी पहुँच सकता है.
प्रतिदिन आंवला खाने के फायदे
- आंवले में एंटीऑक्सिडेंट और विटमिन सी भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं जो मेटाबॉलिज्म को बेहतर बनाते हैं तथा मौसमी संक्रमण तथा बैक्टीरियाजनित बीमारियों को रोकने में मदद करते हैं, साथ ही पाचन को भी अच्छा रखते हैं. इसके साथ ही यह भूख भी बढ़ाता है.
- आंवले का नियमित सेवन ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस तथा ह्रदय रोगों में फायदा पहुंचाता है.
- आंवला शरीर में रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में भी मददगार होता है. इसीलिए मधुमेह में भी आंवले का सेवन फायदेमंद होता है.
- मुंह के छाले होने पर गर्म पानी में आंवले का रस मिलाकर प्रतिदिन पीने से फायदा मिलता है. यही नही नियमित रूप से कच्चा आंवला खाने या इसका जूस पीने से मसूड़े मजबूत रहते हैं तथा सांसों की बदबू से भी राहत मिलती है.
- आंवला रक्त को शुद्ध करने का कार्य भी करता है, इसलिए इसके सेवन से त्वचा में मुहाँसेजैसी समस्याओं में राहत मिलती है तथा रंगत भी निखरती है. इसमें मौजूद विटामिन सी त्वचा की नमी को बनाए रखता है तथा त्वचा की क्षतिग्रस्त कोशिकाओं की मरम्मत में भी मदद करता है. साथ ही इसमें एंटी-एजिंग गुण भी पाए जाते हैं.
- सिर्फ खाने से ही नही बल्कि आंवला के ऊपरी प्रयोग से भी बाल स्वस्थ तथा रोगमुक्त रहते हैं. आंवले का पेस्ट बालों पर लगाने से रूखे बाल घने और चमकदार नजर आने लगते हैं. साथ ही वे रूसी तथा टूटने व झड़ने की समस्या से भी मुक्त हो जाते हैं.
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