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त्वचा का स्वास्थ्य और सौन्दर्य बढ़ाती है अनुशासित जीवनशैली व सही आहार

विशेषज्ञों को राय में कौन से ऐसे कारण हैं जो हमारे सौन्दर्य को प्रभावित कर सकते हैं तथा कैसे उनसे बचा जा सकता है. active lifestyle and right diet enhances beauty . skin health . right diet enhances beauty .

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Published : Jan 3, 2023, 7:52 AM IST

कहा जाता है कि यदि हमारा शरीर और मन स्वस्थ है तो हमारी त्वचा भी स्वस्थ और चमकदार नजर आती है. लेकिन ऐसे कई कारक हैं जो हमारी त्वचा के स्वास्थ्य और सौन्दर्य को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करते हैं. आइए जानते हैं कि विशेषज्ञों की राय में कौन से ऐसे कारण हैं जो हमारे सौन्दर्य को प्रभावित कर सकते हैं तथा कैसे उनसे बचा जा सकता है. active lifestyle and right diet enhances beauty . skin health . right diet enhances beauty .

देखभाल भी है बेहद जरूरी ( Skin care is important)
जानकार मानते हैं कि सुंदरता को सिर्फ तीखे नैन नक्श तक ही सीमित नहीं होती है, बल्कि स्वस्थ, रोगमुक्त तथा चमकदार त्वचा वाले लोग आमतौर पर सुंदर माने जाते हैं. हमारे शरीर में होने वाली कई समस्याओं का प्रभाव हमारी त्वचा पर काफी प्रत्यक्ष रूप में नजर आता है, फिर चाहे वह शारीरिक हों या मानसिक. ये प्रभाव हमारे सौन्दर्य को भी प्रभावित करते हैं. Dr Asha Saklani , dermatologist Uttarakhand ( डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ आशा सकलानी ) बताती हैं कि हमारी त्वचा के स्वास्थ्य और सौन्दर्य को बनाए रखने में ( good lifestyle and diet, proper care of skin and adopting right skin care products and treatments for the health and beauty of skin ) अच्छी जीवनशैली व खानपान को अपनाना , त्वचा की सही देखभाल व त्वचा के लिए सही स्किन केयर उत्पाद व ट्रीटमेंट अपनाना काफी मददगार होते हैं. लेकिन जीवनशैली व आहार में अनुशासनहीनता व असंतुलन , त्वचा की सही देखभाल में कमी और कई बार बिना जानकारी ऐसे उत्पादों का चयन करना जो त्वचा पर एलर्जी या अन्य किसी समस्या का कारण बन सकते हैं, त्वचा के रोगी होने का कारण बन सकते हैं. कौन कौन से कारक करते हैं त्वचा को बीमार .

सही व पोषक आहार की कमी ( Lack of proper and nutritious diet )
मुंबई कि आहार व पोषण विशेषज्ञ रुशेल जॉर्ज बताती हैं कि पौष्टिक, संतुलित तथा सही समय पर ताजा भोजन करने से ना सिर्फ हमारी त्वचा बल्कि शरीर के सभी तंत्र स्वस्थ रहते हैं. वह बताती हैं कि पारंपरिक रूप से हमारी भारतीय थाली तथा नाश्ते, दोपहर के खाने व रात के खाने के लिए आहार का वर्गीकरण ऐसे किया गया गया है कि यदि उसका सही तरह से पालन किया जाय तो किसी भी उम्र के व्यक्ति को अलग से सप्लीमेंट लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी. लेकिन आहार में असंतुलन से ना सिर्फ शरीर को मिलने वाले पोषण की मात्रा असंतुलित हो सकती है बल्कि हमारे पाचन तंत्र पर असर पड़ता है. दरअसल आहार में असंतुलन या असमय या अनियंत्रित मात्रा में भोजन करना, कम या ज्यादा अंतराल पर भोजन करना हमारी पाचन क्रिया पर असर डाल सकता है. जो कई रोगों व समस्याओं का कारण भी बन सकता है. आहार से मिलने वाले पोषक तत्व हमारे शरीर को मजबूत बनाते हैं और त्वचा सहित शरीर के सभी अंदरूनी व बाहरी अंगों व तंत्रों को स्वस्थ रखते हैं. इसलिए प्रतिदिन सही समय पर ताजे फलों, सब्जियों, दालों व अनाज से युक्त आहार का सेवन ना सिर्फ बीमारियों से दूर रखेगा साथ ही त्वचा व बालों को प्राकृतिक रूप से स्वस्थ, सुंदर व चमकदार बनाए रखेगा. इसके साथ ही सम्पूर्ण सेहत विशेषकर त्वचा को स्वस्थ व सुंदर बनाए रखने के लिए बहुत जरूरी है कि प्रतिदिन भरपूर मात्रा में पानी पिया जाय.

आसीन जीवनशैली ( Sedentary lifestyle )
बेंगलुरु की योगगुरु तथा ट्रेनर मीनू वर्मा बताती हैं कि हमारे शरीर के सभी तंत्र तथा क्रिया बेहद अनुशासित तरीके से कार्य करती है. जैसे रात में समय से तथा कम से कम 7-8 घंटे की अच्छी नींद लेने पर हमारे शरीर की सभी मशीने यानी तंत्र अपने आप अपनी मरम्मत करते रहते हैं. जिससे उनकी कार्यक्षमता बेहतर रहती है. वहीं सुबह के समय जल्दी उठना तथा व्यायाम करना हमारे शरीर को ऊर्जा देता है तथा उसे मजबूत बनाता है. जिससे हम पूरा दिन सक्रिय रह सके, कार्य कर सकें तथा अलग अलग प्रकार के दर्द, समस्याओं तथा थकान से दूर रह सकें. जब इस तरह के अनुशासन का पालन किया जाता है तो व्यक्ति मानसिक व शारीरिक, अंदरूनी व बाह्य सभी तरह से स्वस्थ रहता है.

वहीं नियमित व्यायाम या योग करने तथा सक्रिय जीवनशैली जीने से हमारी मांसपेशियां कसी हुई व मजबूत रहती हैं तथा शरीर सौष्ठव बना रहता है जिससे देह आकर्षक लगती हैं. और जब शरीर अंदर से स्वस्थ होता है तो त्वचा भी स्वस्थ व चमकदार रहती हैं.वहीं इस तरह की जीवनशैली का पालन करने से मानसिक स्वास्थ्य भी बेहतर रहता है और हम ज्यादा प्रसन्न तथा संतुष्ट महसूस करते हैं. जिसका प्रभाव हमारी त्वचा पर भी बेहद सकारात्मक रूप में नजर आता है.

स्किन रूटीन में गड़बड़ी ( Disturbances in skin routine )
डॉ आशा सकलानी बताती हैं कि त्वचा को स्वस्थ रखने के लिए मौसम तथा जरूरत के अनुसार सही स्किन रूटीन को अपनाना बेहद जरूरी है. स्किन रूटीन से तात्पर्य है उसकी सही समय पर जरूरत अनुसार देखभाल. आमतौर पर लोग विशेषकर महिलायें नियमित रूप से त्वचा की देखभाल करने की बात कहती है लेकिन उनमें से ज्यादातर को पता ही नहीं होता है कि त्वचा की सही देखभाल करनी कैसे है, जैसे त्वचा को कितने अंतराल पर एक्सफोलिएशन की जरूरत होती है, सप्ताह में कितनी बार फेस पैक का इस्तेमाल करना चाहिए, त्वचा को प्रतिदिन कब और कितनी बार मॉइस्चराइज करना चाहिए आदि.

वहीं कई बार महिलायें विज्ञापन देखकर या किसी से सुनकर बिना यह देखे कि उनमें किन तत्वों का इस्तेमाल हुआ है और क्या वह उनकी त्वचा के प्रकार के लिए फायदेमंद होगा या नहीं, या फिर उनमें कहीं किसी ऐसे तत्व का इस्तेमाल तो नहीं हुआ है जिससे उनकी त्वचा पर एलर्जिक प्रभाव हो सकता हो, वह उसे इस्तेमाल करना शुरू कर देती हैं. इस कारण से भी कई बार उनकी त्वचा समस्याग्रस्त हो सकती है और उस पर खुश्की या रूखापन, एक्ने, झाइयां, पैच तथा एलर्जिक रिएक्शन या अन्य समस्याएं नजर आ सकती हैं.

कैसे करें त्वचा की देखभाल
Dr Asha बताती हैं कि त्वचा को रोग के प्रभाव से बचाने तथा उसे स्वस्थ बनाए रखने के लिए कुछ बातों को ध्यान में रखना काफी लाभकारी हो सकता है. जिनमें से कुछ इस प्रकार है.

  • भरपूर मात्रा में पानी पिए तथा स्वस्थ आहार तथा स्वस्थ व सक्रिय जीवन शैली का पालन करें .
  • त्वचा को साफ करने के लिए मौसम के अनुसार हल्के गुनगुने या ठंडे पानी का इस्तेमाल करना चाहिए. त्वचा पर तेज रसायन वाले साबुन के उपयोग से बचना चाहिए. वैसे तो चेहरे को धोने के लिए सिर्फ पानी आदर्श होता है लेकिन व्यक्ति यदि किसी ऐसे स्थान पर कार्य करता है जहां धूल मिट्टी या प्रदूषण का प्रभाव ज्यादा हो तो वह हल्की प्रकृति वाले फेस वॉश का इस्तेमाल कर सकता है.
  • हर बार चेहरा धोने के बाद त्वचा की प्रकृति के अनुसार (शुष्क, सामान्य या तैलीय) उस पर मॉइश्चराइजर या क्रीम का इस्तेमाल करना चाहिए.
  • ऐसे लोग जो घर में रहते हैं उन्हे सप्ताह में एक बार से ज्यादा त्वचा पर स्क्रब तथा पैक का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए, वहीं ऐसे लोग जिनका ज्यादा समय घर से बाहर, धूल मिट्टी वाले स्थानों पर बीतता है उन्हे कम से कम 4-5 दिन के अंतराल पर ही त्वचा को एक्सफोलिएट करना चाहिए.
  • किसी भी स्किन केयर या मेकअप उत्पाद को खरीदने से पहले उसमें इस्तेमाल होने वाले तत्वों के बारें में जानकारी लें, जिससे पता चल सके कि उनमें कहीं कोई ऐसा तत्व तो नहीं है जिससे आप एलर्जिक हों या जो त्वचा को नुकसान पहुंचा सके.
  • हमेशा अच्छी गुणवत्ता वाले तथा विश्वसनीय ब्रांड के मेकअप तथा स्किनकेयर उत्पाद खरीदें.
  • सैलून में कोई भी नया ट्रीटमेंट कराने से पहले उसके बारे में पूरी जानकारी जरूर लें.
  • चेहरे से सही तरह से मेकअप उतारें.
  • त्वचा पर दाने होने, त्वचा के रंग बदलने, उस पर ड्राई पैच या खुश्की नजर आने तथा इनके साथ ही खुजली या जलन महसूस होने पर चिकित्सक को जरूर दिखाएं

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