नई दिल्ली :अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाकर भारत सरकार न सिर्फ लोगों को स्वस्थ्य दिनचर्या अपनाने की सलाह देते हुए योग के प्रति जन जागरुकता अभियान चला रही है, बल्कि अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में आयुर्वेद और होम्योपैथी की ओपीडी और आईपीडी खोलने की तैयारी शुरू कर दी है, ताकि लोगों को आयुष मंत्रालय से मिलने वाली सेवाओं व सुविधाओं को बेहतर बनाकर जन-जन तक पहुंचाया जा सके. इसके साथ ही विश्व स्तर पर अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के दिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी संयुक्त राष्ट्र के मुख्यालय में योग करके पूरी दुनिया को योग के महत्व को समझाने की कोशिश करेंगे.
अबकी बार 'मानवता के लिए योग' जैसी थीम पर कार्यक्रम किए जा रहे हैं और योग को अपनी लाइफस्टाइल का अहम हिस्सा बनाने के लिए कहा जा रहा है. यह आज से नहीं बल्कि कई सालों से हमारे देश में लोगों के जीवन से जुड़ा है, लेकिन इसे अभियान के तौर पर 2014 से तब मनाया जा रहा है, जब संयुक्त राष्ट्र संघ ने इसे मनाने की मान्यता दे दी.
योग दिवस के महत्व के बारे में बताया जाता है कि अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का महत्व शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देना है, जिससे व्यक्तिगत व सामूहिक लाभ दिखते हैं. इसलिए लोगों को योग के कई लाभों के बारे में बताकर जागरूकता पैदा करना है और इसे अपनी दिनचर्या में शामिल करना है. योग एक मानसिक-शरीरिक अभ्यास है, जो शारीरिक मुद्राओं, श्वास संबंधी व्यायाम और ध्यान को जोड़ते हुए हमारे शरीर के कई तरह से लाभान्वित करता है.
आपको याद होगा कि अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की अवधारणा को हमारे देश के प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी के द्वारा पहली बार 27 सितंबर, 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा दिए जाने वाले भाषण में लोगों के सामने लाते हुए विश्व के पटल पर रखा था. इसके बाद संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 11 दिसंबर 2014 को इस बात की घोषणा कर दी कि 21 जून को अब अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाया जाएगा.