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Published : Aug 18, 2021, 2:33 PM IST

ETV Bharat / sukhibhava

बालों का झड़ना रोकने के लिए आज़माएं यह 6 योग आसन

बालों का झड़ना हमेशा से ही महिलाओं और पुरुषों के लिये चिंता का सबब रहा है। आमतौर पर तनाव, प्रदूषण, अस्वास्थ्यकर जीवनशैली, खराब सेहत और आहार में गड़बड़ी, बाल झड़ने का कारण माने जाते हैं, लेकिन वर्तमान समय में बालों का झड़ना कोरोना के पार्श्व प्रभावों में भी मुख्य माना जा रहा है। जानकार बताते हैं की कुछ योग आसनों के अभ्यास से बालों के झड़ने की समस्या में राहत पाई जा सकती है।

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बालों का झड़ना

कोविड-19 का वायरस हमारे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली पर आक्रमण कर उसे अत्यधिक कमजोर बना देता है। इसलिए इस संक्रमण के पार्श्व प्रभाव शरीर पर लंबे समय तक नज़र आते हैं। इन्ही में से एक बालों के स्वास्थ्य पर असर भी है। लेकिन जानकार तथा योग प्रशिक्षक मानते हैं की अच्छे आहार और अनुशासित जीवन शैली के साथ यदि नियमित योग की मदद ली जाय तो बालों के टूटने और झड़ने की समस्या को काफी हद तक कम किया जा सकता है। इसी के चलते ETV भारत सुखीभवा अपने पाठकों के साथ साँझा कर रहा है 6 ऐसे योग आसन, जो बालों की मजबूती और चमक वापस लाने में मदद कर सकते हैं।

योग आसनों का लाभ

दरअसल कुछ योग आसनों से सिर और खोपड़ी में रक्त के संचलन को बढ़ाया जा सकता है। यह आसन सिर में रक्त के संचार को बढ़ाते हैं जिससे बालों की जड़ों तक पोषण बेहतर ढंग से पहुंच पाता है। परिणाम स्वरुप बालों का स्वास्थ्य बेहतर होने लगता है। बालों के बेहतर स्वास्थ्य के लिये निम्नलिखित आसनों का अभ्यास किया जा सकता है।

कपालभाति प्राणायाम

कपालभाति प्राणायाम

कैसे करें:

  • अपनी रीढ़ की हड्डी को सीधा रखते हुए, आराम से बैठ जाएँ। हाथों को घुटनों पर रखें। हथेलियों को आकाश की तरफ होना चाहिए। एक लंबी गहरी साँस अंदर लें।
  • साँस छोड़ते हुए अपने पेट को इस प्रकार से अंदर खींचे की वह रीढ़ की हड्डी को छू ले। जितना हो सके उतना ही करें।
  • अब पेट की मांसपेशियों को ढीला छोड़ते हुये और अपनी नाभि और पेट को आराम देते हुए अपनी नाक से जल्दी से श्वास छोड़ें।
  • शुरुआत में इस प्रक्रिया को 10 बार दोहराएं।

नाड़ी शोधन प्राणायाम

नाड़ी शोधन प्राणायाम

कैसे करें:

  • अपनी रीढ़ की हड्डी को सीधा रखते हुए, जमीन पर आराम से बैठ जाएँ।
  • इस स्थिति में श्वास की रिदम को सामान्य करने के लिये सामान्य तरीके से श्वास लें।
  • अब अपने बाएं हाथ को अपने बाएं घुटने पर रखें और दायें हाथ को नासाग्र मुद्रा में लाते हुए अंगूठे से दायें नासिका छिद्र को बंद करें और अपने बाएं नथुने से गहरी सांस लें।
  • अब बाएं नथुने को अपनी अनामिका और छोटी उंगली से बंद करें और अपने दायें नथुने को खोलें और साँस छोड़ें।
  • फिर से अपने दाहिने नथुने से साँस छोड़ें, इसे अपने अंगूठे से बंद करें और दाईं ओर से साँस छोड़ें।
  • यह प्रक्रिया को 10 बार दोहराएं।

अधोमुख शवासन

अधोमुख शवासन

कैसे करें:

  • अपने हाथों और पैरों पर बैठते हुए शरीर को एक मेज़ जैसी स्थिति में ले आयें।
  • अब साँस छोड़ते हुए और अपने घुटने और कोहनी को सीधा करते हुए कमर को ऊपर उठाएं और अपने शरीर से उल्टे वी (अंग्रेजी के अक्षर) का आकार बनाएं।
  • ध्यान रहे की हाथ व कंधो के बीच जितनी दूरी हो, पैर व कमर के बीच की दूरी भी उतनी ही होनी चाहिए।
  • अपने हाथ को जमीन में दबाएं और अपनी गर्दन को सीधा करें। आपके कानों को आपके हाथों को छूना चाहिए, अपनी दृष्टि को अपनी नाभि पर टिकाएं और श्वास लें।
  • अब श्वास छोड़ते हुए घुटने को मोड़ें और वापस मेज़ वाली स्थिति में आ जाएँ।

उत्तानासन

उत्तानासन

कैसे करें:

  • अपने दोनों पैरों के बीच कमर जितनी दूरी रखते हुए खड़े हो जाएं।
  • अब श्वास लें और अपने दोनों हाथों को ऊपर की ओर छत की ओर बढ़ाएँ।
  • श्वास छोड़े एवं आगे की ओर झुकते हुए हथेलियों को एड़ियों के पास जमीन पर रखें।
  • घुटनों को मुड़ने न दें, अंतिम स्थिति में सिर घुटनों से न लगाकर ऊपर की तरफ तानें।
  • इस अवस्था में गहरी श्वास लें।
  • अब पुनः श्वास छोड़े और सिर घुटनों से सटा दें।
  • स्वाभाविक श्वास लेते हुए लगभग 1 मिनट या यथाशक्ति रुके।
  • अब पहले सिर उठाएं, श्वास लें, फिर हाथ उठाते हुए वापस मूल अवस्था में आ जाएं।

सर्वांगासन

सर्वांगासन

कैसे करें:

  • अपनी पीठ के बल लेट जाएँ। अब धीरे-धीरे पहले अपनेे पैरों, फिर कूल्हे और फिर कमर को ऊपर की ओर उठाएँ। ऐसा करने से सारा भार आपके कन्धों पर आ जायेगा। अब अपनी पीठ को अपने हाथों से सहारा दें।
  • ध्यान रहे कमर और पैर सीधे हों और शरीर का पूरा भार आपके कन्धों व हाथों के ऊपरी हिस्से पर होना चाहिए, न कि आपके सर और गर्दन पर।
  • अपने शरीर के पूरे भार को कंधों और ऊपरी भुजाओं पर टिकाकर अपनी रीढ़ की हड्डी और पैरों को सीधा करने का प्रयास करें।
  • सांस छोड़ें और इसी स्थिति में 15 से 30 सेकेंड तक सांस लें। और फिर धीरे-धीरे हाथों से कमर को सहारा देते हुए पुरानी अवस्था में लौट आएं।

वज्रासन

वज्रासन

कैसे करें:

  • इस आसन को करने के लिए घुटनों को मोड़कर पंजों के बल सीधा बैठें।
  • दोनों पैरों के अंगूठे आपस में मिलने चाहिए और एड़ियों में थोड़ी दूरी होनी चाहिए।
  • शरीर का सारा भार पैरों पर रखें और दोनों हाथों को जांघों पर रखें।
  • ध्यान रहे कमर से ऊपर का हिस्सा बिल्कुल सीधा हो। थोड़ी देर इस अवस्था में बैठकर लंबी सांस लें।
  • इस स्थिति में 2 मिनट तक बैठें और धीरे-धीरे समय बढ़ाते जाएं।

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