नई दिल्ली:देश की राजधानी दिल्ली के पार्कों में रंग बिरंगे फूल नहीं दिखते हैं, लेकिन केशवपुरम इलाके में महज 50 गज की छत पर सैकड़ों की संख्या में फूल और फल के पौधे लगे हुए हैं. इसे अगर टेरेस गार्डन कहा जाए तो कोई आश्चर्य नहीं होगा. फूलों की वैरायटी इतनी है कि कोई अगर इसे गिनना चाहे तो गिन नहीं सकता है. गुलाब के ही कई प्रकार हैं, इसी तरह से सैकड़ों फूलों की वैरायटी के साथ-साथ छत पर ही गमले में टमाटर, संतरे, चीकू, अंगूर जैसे तमाम फल भी लगे हुए हैं. इसके अलावा कई सारे मेडिसिनल प्लांट भी इस टेरेस गार्डन पर लगाए गए हैं.
छत पर बनी फुलवाड़ी लोगों को खूब भा रही:दिल्ली में रहने वाले लोग इस खास किस्म के टेरेस गार्डन को देखने के लिए आते रहते हैं. दरअसल, टेरेस गार्डन की शुरुआत लगभग 3 दशक पहले मदन गोपाल कोहली ने किया था. लेकिन इसी साल जनवरी में 79 साल की उम्र में उनका निधन हो गया. हालांकि उनके पौधों से प्यार और इस जुनून को परिवार वालों ने बरकरार रखते हुए इस टेरेस गार्डन की जिम्मेवारी बेहतर तरीके से संभाली है. उनका कहना है कि मदन गोपाल कोहली की जान उन पौधों में बसती थी, इसलिए इस टेरेस गार्डन को हमेशा वे सहेज कर रखेंगे ताकि उनकी यादें ताजा रहे.
उन्होंने जो दिल्ली के वातावरण को प्रदूषण से मुक्त करने की एक कोशिश शुरू की थी, वह जारी रहेगी. हर साल टेरेस गार्डन के फूलों की प्रदर्शनी लगाई जाती है, जिसमें दिल्ली के अलग-अलग इलाके से लोग इसे देखने आते हैं और देखकर दांतो तले उंगलियां दबाने को मजबूर हो जाते हैं. अधिकतर लोगों का कहना है कि छत पर इतने पौधे तो उन्होंने आज तक कही नहीं देखा है.