नई दिल्ली: दिल्ली में चार दिसंबर को एमसीडी चुनाव होने हैं, जिसके लिए दिल्ली सरकार के स्कूलों के शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गई है. लेकिन इससे शिक्षक संघ, लोकतांत्रिक अध्यपक मंच काफी नाराज है और लगातार सवाल उठा रहा है.
MCD चुनाव में शिक्षकों की ड्यूटी से शिक्षक संघ असंतुष्ट शिक्षक संघ के साथ-साथ शिक्षकों का कहना है ऐसा पहली बार हुआ है कि ड्यूटी लगाने में किसी तरह के मानवीय पहलू को ध्यान में नहीं रखा गया है. इनके अनुसार चुनाव ड्यूटी के दौरान इस बात का भी ध्यान नहीं रखा गया कि कौन किस स्थिति में है. कई शिक्षक गंभीर रूप से बीमार हैं, कोई कैंसर से पीड़ित है, कोई दिव्यांग हैं. ऐसी हालत में भी उनकी ड्यूटी लगा दी गई है. वह भी उनके अपने स्कूल और निवास स्थान से काफी दूर. इतना ही नहीं उनका यह भी कहना है कि उन महिला शिक्षकों की भी ड्यूटी लगाई गई है जो मेटरनिटी लीव पर थी और जिन्हें 4 या 5 दिन पहले बच्चा हुआ है. उनकी भी छुट्टी रद्द कर ड्यूटी लगा दी गई है. इसके अलावा जो शिक्षक छुट्टी लेकर विदेश गए थे उनकी भी ड्यूटी इस चुनाव में लगा दी गई, जिसका कोई मतलब ही नहीं बनता.
इसके अलावा शिक्षकों और शिक्षक संघ का यह भी आरोप है कि जो वेस्ट दिल्ली में रहते हैं उनकी ड्यूटी यमुना पार लगा दी गई है और जो साउथ दिल्ली में रहते हैं, उनकी नॉर्थ दिल्ली में ड्यूटी लगी है. जिसको लेकर शिक्षक मानसिक रूप से बेहद परेशान हैं और ड्यूटी लगने के बाद से ही लगातार अलग-अलग माध्यम से चुनाव आयोग को इसकी जानकारी दे चुके हैं.
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इस मामले में शिक्षक संघ ने दिल्ली इलेक्शन कमिश्नर से बात करने की लिए तमाम कोशिश की मगर उन्हें इसके बावजूद उनसे समय नहीं मिल पाया. उनका कहना है कि शिक्षक ड्यूटी से परहेज नहीं कर रहे, लेकिन ड्यूटी लगाने के दौरान मानवीय पहलू को भी ध्यान में रखना बेहद जरूरी था. उनके अनुसार इससे चुनाव प्रक्रिया पर भी असर पड़ सकता है.
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