नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में रहने वाले ट्रांसजेंडरों की स्थिति में सुधार के लिए दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने केंद्रीय गृह मंत्रालय और समाज कल्याण विभाग को एक पत्र लिखा है. जानकारी के अनुसार महिला आयोग ने गृह मंत्रालय को नियमों और ट्रांसजेंडर कल्याण बोर्ड की अधिसूचना में तेजी लाने की सिफारिश की है, ताकि दिल्ली में रहने वाले ट्रांसजेंडर के कल्याण और सशक्तिकरण को सुनिश्चित करने की दिशा में आयोग सही कदम उठा सके.
ट्रांसजेंडर को लेकर दिल्ली महिला आयोग फिक्रमंद:भारत सरकार ने 2019 में ट्रांसजेंडर व्यक्ति अधिनियम पारित किया. हालांकि इन नियमों को अभी दिल्ली में अधिसूचित किया जाना बाकी है. दरअसल, महिला आयोग को दिल्ली सरकार ने सूचित किया था कि अनुमोदित मसौदा नियम भारत सरकार के गृह मंत्रालय से अनुसूचित नहीं होने के कारण लंबित है. इसके अलावा केजरीवाल सरकार ने आयोग को यह भी जानकारी दी कि राज्य में एक ट्रांसजेंडर कल्याण बोर्ड के गठन को मंजूरी दे दी है और यह अधिसूचना गृह मंत्रालय के पास लंबित है. साथ ही आयोग ने गृह मंत्रालय को अधिसूचना में बताया कि तमिलनाडु, केरल, उत्तर प्रदेश और बिहार सहित 12 राज्यों ने पहले ही ट्रांसजेंडर कल्याण बोर्ड का गठन कर दिया गया है और दिल्ली भी इसमें पीछे नहीं रहनी चाहिए.
दरअसल, दिल्ली महिला आयोग ने ट्रांसजेंडर व्यक्ति अधिनियम के कार्यान्वयन में विशेष रुप से ट्रांसजेंडर रोको पहचान का प्रमाण पत्र जारी करने के संबंध में कई खामियों को उजागर किया है. जिनका उपयोग उनके द्वारा सरकारी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए किया जा सकता है. आयोग ने इस मुद्दे पर सभी जिला अधिकारियों को नोटिस जारी किया था और यह जानकारी सामने आई कि पिछले 3 सालों में दिल्ली में ट्रांसजेंडर को केवल 76 पहचान पत्र जारी किए गए, जबकि 2011 की जनगणना के अनुसार दिल्ली में 4200 ट्रांसजेंडर थे.