दिल्ली

delhi

ETV Bharat / state

DU के कॉलेज ऑफ वोकेशनल स्टडीज में छात्राओं को सिखाए सेल्फ डिफेंस के गुर

डीयू के कॉलेज ऑफ वोकेशनल स्टडीज में शनिवार को दो दिवसीय छात्राओं के लिए सेल्फ डिफेंस ट्रेनिंग प्रोग्राम का आयोजन हुआ. इस ट्रेनिंग प्रोग्राम का उद्घाटन लेखक जगदीश ममगई ने किया. कार्यक्रम के दौरान छात्राओं को आत्मरक्षा और महिला हेल्पलाइन के बारे में जानकारी दी गई.

Etv BharatD
Etv BharatD

By

Published : Feb 25, 2023, 4:08 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय के कॉलेज ऑफ वोकेशनल स्टडीज में छात्राओं के लिए दो दिवसीय सेल्फ डिफेंस ट्रेनिंग प्रोग्राम का आयोजन किया जा रहा है. इस कार्यक्रम का आयोजन वोकेशनल स्टडीज कॉलेज प्रशासन और उदनकार नाम की संस्था के सहयोग से किया जा रहा है. सेल्फ डिफेंस ट्रेनिंग प्रोग्राम का उद्घाटन शहरी मामलों के विशेषज्ञ और राष्ट्रीय स्वाभिमान आंदोलन के राष्ट्रीय सह संयोजक लेखक जगदीश ममगई ने किया.

छत्राओं को प्रोफेसर डॉ. संगीता त्यागी, प्रोफेसर शुभम और प्रोफेसर सुनील ने सेल्फ डिफेंस की जरूरतों के बारे में बताया. इस मौके पर उदनकार एनजीओ के अध्यक्ष आशीष पोखरियाल शिक्षक मनस्वी पाठक के साथ-साथ कार्यक्रम के संयोजक श्रुति गुप्ता और मानसी तिवारी भी उपस्थित थे. इस मौके पर जगदीश ममगई ने कहा कि ऐसे ट्रेनिंग से शारीरिक मजबूती के साथ-साथ मानसिक मजबूती, व्यक्तित्व और आचार विचार पर भी काफी फर्क पड़ता है. आत्मरक्षा में सक्षम होने के लिए व्यक्तित्व निर्माण जरूरी है और इसके लिए आत्मबल का होना भी आवश्यक है, जिससे आप अपनी और अपने और अपनों की सुरक्षा कर सकते हैं. उन्होंने बताया कि भारत का संविधान महिलाओं को समानता का अधिकार देता है और उनके द्वारा सामाजिक आर्थिक शैक्षिक और राजनीतिक भेदभाव को अनुमति नहीं है.

इसे भी पढ़ें:DU 99th Convocation: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू बोलीं- नए भारत के निर्माण के लिए देखें बड़े सपने

उन्होंने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा के लिए कई कानूनी प्रावधान तय किए गए हैं. पुलिस ने कुछ हेल्प लाइन भी जारी किया है. इसमें 100 नंबर तो सभी के लिए है, लेकिन महिलाओं की सुरक्षा के लिए 091 एक विशेष हेल्पलाइन है. जिसे आपात स्थिति में महिलाओं के लिए तैयार किया गया है, क्योंकि यह सामान्य 100 नंबर से बिल्कुल अलग है. 091 नंबर पर कॉल करते ही यह पता चल जाता है कि कोई महिला खतरे में है. इसके अलावा 181 नंबर भी है, जिसमें अपहरण, यौन उत्पीड़न, कार्यस्थल पर यौन शोषण, एसिड अटैक जैसे गंभीर अपराध का सामना करना शामिल है.

ममगई ने कहा कि महिलाओं को यह सब अधिकार आसानी से नहीं मिले हैं. सदियों से सामाजिक कुप्रथा के शिकार होने के साथ-साथ भेदभाव झेलने के लंबे संघर्ष के बाद ही उन्हें यह सब मिला है. अब उन्हें अपनी पहचान साबित करने के लिए आगे भी लड़ाई लड़नी है. यह संघर्ष अभी भी जारी है.

इसे भी पढ़ें:MCD Standing Committee: स्थायी समिति सदस्यों के चुनाव में घमासान क्यों, जानिए पूरा मामला

ABOUT THE AUTHOR

...view details