नई दिल्ली : दिल्ली के स्कूल कैब चालकों (School Cab Drivers) ने भले ही एक दिन के हड़ताल के बाद ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर (Transport Minister) की बातों पर यकीन कर अपना हड़ताल खत्म (Strike Called off) कर लिया है, लेकिन उनकी परेशानियां अभी भी जारी हैं. इतना साफ है कि आने वाले दिनों में अगर उन्हें बेवजह ट्रैफिक पुलिस (Traffic Police) और ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट (Transport Department) के अधिकारियों द्वारा परेशान किया गया तो आने वाले दिनों में फिर से हड़ताल हो सकती है. कुछ स्कूल कैब चालकों ने ईटीवी भारत से अपनी परेशानी बयां की.
कुछ स्कूल कैब चालकों का कहना है कि पिछले डेढ़ या 2 दशक से अधिक समय से लोग स्कूल कैब चला कर अपना जीवन यापन कर रहे हैं, लेकिन कोरोना के 26 महीने के कठिन वक्त के दौरान जब उनकी गाड़ियां खड़ी थीं, उस पर भी दिल्ली सरकार ने पेनाल्टी लगा दी है. अब उस दौरान खड़ी गाड़ियों पर पेनाल्टी लगाने का मतलब क्या है. जब स्कूल बंद था और उनकी गाड़ियां घर पर खड़ी थीं. ऐसे में किस तरह से स्कूल कैब चलाने वाले पेनाल्टी भर सकते हैं.
कैब चालक नवनीत ने कहा कि कोरोना के समय में अपने परिवार का पेट पालना मुश्किल हो रहा था. उस दौरान कितने लोगों की गाड़ियां चोरी हो गई जबकि कई लोगों की गाड़ी कबाड़ बन गई और कई लोगों को मजबूरी में गाड़ी बेचनी पड़ी और जिन जिन लोगों की गाड़ियां पास नहीं हुई हैं अब उनके ऊपर डेढ़-डेढ़ लाख की पेनाल्टी लगी हुई है. ऊपर से जो लोग अब बिना पेनाल्टी के गाड़ी चला रहे हैं. उन पर 15 से 20 हजार का जुर्माना लगाया जा रहा है. यह सब कहां तक जायज है. हमें अपने कागजात सही कराने के लिए कुछ वक्त चाहिए, क्योंकि स्कूल खुले हुए भी ज्यादा दिन नहीं हुए हैं. ऐसे में उन्हें वक्त मिलेगा तो वह गाड़ियां भी पास करा लेंगे.