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सवालों के घेरे में दिल्ली सरकार की 'फरिश्ते योजना', RTI एक्टिविस्ट ने उठाए सवाल - सीएम केजरीवाल

दिल्ली में एक्सीडेंट के बाद घायलों को फौरन अस्पताल पहुंचाने के उद्देश्य से फरिश्ते योजना की शुरुआत की गई थी, जिसकी सराहना भी हुई. वहीं अब एक आरटीआई एक्टिविस्ट ने योजना को लेकर सवाल उठाए हैं.

rti activist raised questions on delhi government farishtey scheme
आरटीआई एक्टिविस्ट अनंतदीप ठाकुर

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Published : Jul 24, 2020, 6:26 PM IST

नई दिल्लीःएक्सीडेंट के बाद घायलों की मदद कम ही लोग करते हैं और कई घटनाओं में इलाज में देरी के कारण मौत भी हुई है. इसी को ध्यान में रखते हुए दिल्ली सरकार ने घायलों को फौरन अस्पताल पहुंचने के उद्देश्य से फरिश्ते योजना शुरू की थी, जो अभी सवालों के घेरे में हैं.

फरिश्ते योजना पर उठ रहे सवाल!

योजना को लेकर एक वकील और आरटीआई एक्टिविस्ट अनंतदीप ठाकुर ने आरटीआई लगाकर ये पूछा कि अब तक किन-किन लोगों को योजना का लाभ मिला. किन लोगों ने घायलों को हॉस्पिटल पहुंचाया, उनके नाम पाते बताए जाएं. कितने मामले में एफआईआर हुई, उन अस्पतालों के नाम जिनमें इस स्कीम के तहत घायलों का इलाज हुआ. लेकिन इन सवालों का जवाब नहीं दिया गया और जवाब में सिर्फ कहा गया कि ऑफिस आकर चेक कर सकते हैं.

'आरटीआई का नहीं मिला जवाब'

अब वकील अनंतदीप ठाकुर दिल्ली सरकार की इस योजना पर सवाल उठा रहे हैं. उनका कहना है कि इसी आरटीआई के रास्ते दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने सत्ता की सीढ़ी चढ़ी. यहां तक कि इसी आरटीआई के लिए इन्हें मैग्सेसे अवार्ड तक मिला है, लेकिन आज उन्हीं की सरकार के तहत आरटीआई के जवाब नहीं दिया जा रहा है.

'साढ़े 7 करोड़ खर्च, लेकिन डिटेल नहीं'

एक जानकारी के मुताबिक अब तक इस योजना पर साढे़ सात करोड़ रुपये खर्च हुए हैं. अगर खर्च हुआ तो लोगों को योजना का लाभ भी मिला होगा, लेकिन लाभ उठाने वालों का पता-ठिकाना नहीं दिया जा रहा है. ऐसे में सवाल उठना लाजमी है.

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