नई दिल्ली:सरकारें दावा करती रहती हैं कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत जहां सोच वहां शौचालय का नारा जमीनी हकीकत बन गया है. लेकिन इस दावे की सच्चाई का रियेलिटी टेस्ट करने के लिए ईटीवी भारत की टीम दिल्ली के छत्तरपुर इलाके में जा पहुंची.
कई इलाकों में टॉयलेट्स पर ताला, लोग परेशान
किसी भी एजेंसी द्वारा जन सुविधाओं के लिए जो योजनाएं बनाई जाती हैं, कई बार उन्हीं एजेंसियों की लापरवाही के कारण वह योजना पूरी तरह से विफल हो जाती है. कुछ ऐसा ही हाल साउथ एमसीडी की अलग-अलग इलाकों में बनाए गए टॉयलेट्स की है.
इस योजना की शुरुआत तो की गई थी साफ सफाई के लिए और लोगों की सुविधाओं के लिए लेकिन संबंधित विभाग की लापरवाही और सरकारी नकारेपन के कारण ये योजनाएं पूरी तरह से विफल नजर आती हैं, वेस्ट दिल्ली के कई इलाकों में टॉयलेट्स बनाए गए हैं. जिन पर महीनों से ताले जड़े हैं बिंदापुर में टॉयलेट पर ताला बंद है और लॉकडाउन में लगभग 8 महीने बंद रहने के बाद बीच में खुला लेकिन फिर से ताला लग गया.
यह भी पढ़ें- दिल्ली: उत्तरी निगम को मिला ODF टैग, स्वच्छता सर्वेक्षण में 127वां रैंक