नई दिल्ली:विकासपुरी से उत्तम नगर आने वाली सड़क पर लगभग 4 साल पहले निर्माण कार्य किया गया था. इस दौरान डीडीए ने काली बस्ती की 50 से अधिक घरों को तोड़ दिया था. उस वक्त दिल्ली सरकार ने झुग्गी वालों को अगले 2 महीने में मकान देने का वादा भी किया गया था, लेकिन अब तक उन्हें मकान नहीं दिए जाने के कारण परेशानी भरी जीवन जीने को मजबूर है.
इन लोगों को उसी सड़क किनारे तंबू का घर बनाकर रहने के लिए दिया गया था, लेकिन चार साल बाद भी यहां दो दर्जन परिवार इन तम्बुओं में अभी भी रहने को मजबूर हैं. यह लोग इंतजार कर रहे हैं कि शायद सरकार उनकी सुध लेगी और उन्हें घर के लिए जगह या फिर घर दिया जाएगा.
इन तंबुओं में रहने वाली महिलाओं का कहना है कि उनका जीवन बेहद परेशानी भरा है. यहां रात के साथ-साथ दिन में भी रहने में डर लगता है, क्योंकि सुरक्षा के नाम पर कुछ भी नहीं है. कुछ ऐसी महिलाएं हैं, जो काम पर जाती हैं, तो उन्हें इन तंबू में अपने बच्चे को छोड़कर जाने की चिंता हमेशा सताती रहती है. इनके अनुसार यह पिछले तीन दशक से भी अधिक समय से काली बस्ती में रह रहे थे. तब डीडीए की तरफ से सड़क निर्माण का कार्य शुरू किया गया था, तो इन्हें हटाया गया. इन्हें हटाने से पहले यह भरोसा दिलाया गया था कि कुछ दिन तंबू वाले घर में रहने के बाद सरकार की तरफ से इन्हें घर आवंटित किया जाएगा.