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जीटीबी अस्पताल के नर्सिंग स्टाफ का प्रदर्शन, रखी गेट खोलने की मांग - aiims

एक तरफ एम्स नर्सिंग यूनियन प्रदर्शन कर रहा है. वहीं दूरी तरफ आज जीटीबी अस्पताल के सैकड़ों नर्सिंग स्टाफ ने सुबह-सुबह जीटीबी एंक्लेव के गेट नंबर-2 पर प्रदर्शन किया. उनकी मांग हैं कि नर्सों की ड्यूटी के हिसाब से गेट खोला जाना चाहिए जोकि पिछले दो महीने से बंद है.

nursing staff of gtb hospital protested at gtb enclave
जीटीबी अस्पताल का नर्सिंग स्टाफ कर रहा प्रदर्शन

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Published : Jun 4, 2020, 12:50 PM IST

नई दिल्ली:राजधानी दिल्ली में पिछले कई दिनों से नर्सिंग स्टाफ प्रदर्शन कर रहा है. इसी कड़ी में जून महीने के शुरुआत से कोविड अस्पताल घोषित जीटीबी अस्पताल के सैकड़ों नर्सिंग स्टाफ ने सुबह-सुबह जीटीबी एंक्लेव के गेट नंबर-2 पर प्रदर्शन किया. ये स्टाफ कॉलोनी के गेट नहीं खुलने से नाराज हैं और नर्सों के ड्यूटी आवर के दौरान एक गेट खोलने की मांग कर रहा है.

जीटीबी अस्पताल का नर्सिंग स्टाफ कर रहा प्रदर्शन



दो महीने से बंद गेट

जीटीबी अस्पताल, दिल्ली स्टेट कैंसर अस्पताल और राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के सैकड़ों नर्सिंग स्टाफ और कर्मचारी अस्पताल के सामने स्थित जीटीबी एंक्लेव में रहते हैं. गुरुवार सुबह ये सभी कॉलोनी के गेट पर इकट्ठा हो गए और गेट खोलने की मांग करने लगे. इनका कहना है कि पिछले दो महीने से इस गेट के बंद होने से उन्हें काफी परेशानी हो रही है.



दो किमी चलकर आना पड़ता

जीटीबी अस्पताल नर्सिंग यूनियन के अध्यक्ष जितेंद्र बताते हैं कि कॉलोनी के गेट के सामने ही अस्पताल का गेट है. लेकिन फिलहाल उन्हें 12 घंटे दम घोंटने वाली पीपीई किट में काम करने के बाद दो किलोमीटर पैदल चलकर आना पड़ता है.

इसमें बड़ी संख्या में महिला स्टाफ भी शामिल है, जिनके आने-जाने के लिए सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं है. जिस रास्ते से उन्हें आना-जाना पड़ता है, उस पर पुलिस का एक भी जवान तैनात नहीं होता. जिसकी वजह से उन्हें आए दिन छेड़खानी का शिकार होना पड़ रहा है.



तीन टाइम गेट खोलने की मांग

नर्सिंग स्टाफ का कहना है कि इस गेट की चाभी स्थानीय आरडब्लयूए के पास है. नर्सिंग स्टाफ की मांग है कि नर्सों की ड्यूटी के हिसाब से पैदल जाने वालों के लिए एक छोटा गेट सुबह 8 बजे, दोपहर को 2 बजे और शाम को 8 बजे खोला जाए. जिस पर एक पुलिस का जवान तैनात हो. वहीं नर्सों का आईं कार्ड देखकर उन्हें जाने की इजाजत दी जाए. इस पर प्रशासन की ओर से उन्हें फिलहाल कोई आश्वासन नहीं मिल पाया है.

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