नई दिल्ली:दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने राजघाट डिपो में आयोजित एक कार्यक्रम में इन प्रशिक्षित महिला चालकों को नियुक्ति पत्र दिया. इस अवसर पर परिवहन आयुक्त आशीष कुंद्रा, डीटीसी की प्रबंध निदेशक शिल्पा शिंदे, दिल्ली इंटीग्रेटेड मल्टी मॉडल ट्रांजिट सिस्टम के प्रबंध निदेशक राजेश अग्रवाल और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे.
केजरीवाल सरकार अपने परिवहन बेड़े में बस चालक के रूप में और अधिक महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है, जिन 13 महिलाओं को नियुक्ति पत्र दिया गया, उनमें से 10 महिलाओं ने केजरीवाल सरकार की मिशन परिवर्तन पहल के तहत प्रशिक्षण प्राप्त किया है. इस पहल के परिणाम स्वरूप कुल 17 महिलाएं इसी का हिस्सा हैं, जबकि बाकी 17 महिलाओं को सीधे डीटीसी द्वारा भर्ती किया गया है. अप्रैल 2022 में परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने मिशन परिवर्तन की शुरुआत की थी. फिलहाल इस योजना के तहत अब तक 123 महिलाओं ने प्रशिक्षण प्राप्त किया है. वहीं चौथे बैच को प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है.
केजरीवाल सरकार ने जुलाई 2022 में पेशेवर टैक्सी ड्राइवर बनने के लिए ड्राइवर प्रशिक्षण लेने की इच्छुक महिलाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए एक योजना भी शुरू की थी. इसके अनुसार प्रशिक्षण का 50 फ़ीसदी यानी प्रत्येक महिला के लिए लगभग ₹4800 परिवहन विभाग द्वारा वहन किया जा रहा है. केजरीवाल सरकार द्वारा बुराड़ी, लोनी और सराय काले खां में स्थापित इनहाउस ड्राइविंग प्रशिक्षण केंद्रों में महिलाओं को प्रशिक्षित किया जा रहा है. इसके तहत सरकार ने ड्राइविंग रोजगार चाहने वाली महिलाओं के शेष 50 फीसदी प्रशिक्षण लागत को प्रायोजित करने के लिए फ्लीट मालिकों और एग्रीगेटर्स को आमंत्रित किया है. इसके तहत प्रशिक्षण के बाद में महिलाएं इन कंपनियों में नौकरी कर सकती हैं.
फरवरी 2022 में दिल्ली सरकार ने बस चलाने के लिए महिलाओं के भर्ती मानदंडों और पात्रता मानदंडों में ढील दी है, जिसके बाद न्यूनतम ऊंचाई मानदंड को 159 सेंटीमीटर से घटाकर 153 सेंटीमीटर कर दिया गया था. महिला आवेदकों के लिए बस चालक के रूप में भर्ती के लिए अनुभव मानदंड को 1 महीने कर दिया गया था. इस कदम से डीटीसी और में लगभग 7379 बसों के संयुक्त बड़े में महिलाओं के रोजगार के अवसर बढ़ गए हैं.
जिन 13 महिला ड्राइवरों को नियुक्ति पत्र मिला है उनमें से अबिता मिश्रा बिहार से हैं, लक्ष्मी रावत उत्तर प्रदेश से, आशारानी पश्चिम बंगाल से और नीतू देवी राजस्थान से हैं. वहीं निर्मला देवी, रेखा, लता राठौर, राजकुमारी मीना और माया देवी दिल्ली की हैं, जबकि तीन महिला ड्राइवर निषा, सोनिया और उषा रानी हरियाणा से हैं. कार्यक्रम के दौरान जब 13 नई महिला ड्राइवर से परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने डीटीसी ड्राइवर बनने के बारे में पूछा तो कई प्रेरक बातें सामने आईं.
सरकार को धन्यवाद देते हुए अबिता मिश्रा ने कहा कि हमें केजरीवाल सरकार ने कुएं के मेंढक से उड़ता परिंदा बना दिया. एक अन्य महिला ड्राइवर उषा रानी ने बताया कि उन्होंने राष्ट्रीय स्तर का भारोत्तोलन पदक जीता है. वहीं जीवन में कुछ नया करने के उनके जज्बे ने उन्हें डीटीसी में शामिल होने और 12 मीटर लंबी बस चलाने के लिए प्रेरित किया. वहीं एक महिला ड्राइवर लक्ष्मी रावत ने बताया कि 2017 में वह कैब ड्राइवर थी. उनका सपना बस चलाने का था, लेकिन उनके पास ट्रेनिंग फीस के पैसे नहीं थे. उन्हें बाद में केजरीवाल सरकार के ट्रेनिंग प्रोग्राम के बारे में पता चला और आज वह अपने सपने पूरे कर रही हैं. दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने इस अवसर पर कहा कि दिल्ली के परिवहन बेड़े में शामिल यह सभी 34 महिला चालक पूरे भारत में सभी महिलाओं के लिए प्रेरणा और एक रोल मॉडल है. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में हमारा प्रयास है कि महिलाएं सशक्त बने और शहर के सार्वजनिक परिवहन में अग्रणी भूमिका निभाएं मुझे पूरी उम्मीद है कि बसों, टैक्सियों और ऑटो में ड्राइवर के रूप में महिलाओं की अधिक भागीदारी दिल्ली की सड़कों को सुरक्षित और पैसेंजर फ्रेंडली बनाएगी.
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