नई दिल्ली:दशहरा के मद्देनजर दिल्ली के ततारपुर में रावण का पुतले बनाने वाले कारीगर दिन-रात जुटे हुए हैं. रोड किनारे रावण, कुंभकरण और मेघनाद के पुतले बांस के फ्रेम से सजे हुए आपको दिख जाएंगे जो खरीदारों का इंतजार कर रहे हैं. पुतला बनाने वालों के चेहरे पर इस साल मायूसी है. दरअसल करीगरों को उम्मीद थी कि इस बार काम अच्छा होगा. हालांकि उनका कहना है कि पिछले साल के मुकाबले इस बार कम संख्या में रावण बन रहे हैं. सामान महंगा होने की वजह से रावण के पुतले भी महंगे रहेंगे. वहीं पटाखों पर प्रतिबंध से दोहरी मार पड़ी है.
महंगाई का असर केवल आम जनता के किचन पर ही नहीं, बल्कि इस साल रावण पर भी पड़ रहा है. दरअसल, रावण का पुतला बनाने के लिए जिन चीजों की जरूरत पड़ती है. उन सभी चीजों के दाम बढ़ गए हैं. इस वजह से रावण के पुतले के दाम भी प्रति फुट लगभग 150-200 रुपए बढ़ गए हैं. करीगरों का कहना है कि रावण के पुतलों को बनाने में इस्तेमाल बांस असम से मंगाया जाता है, जबकि इन पुतलों को बनाने के लिए कागज जापान से मंगाया जाता है. 50 फुट से अधिक 100 फीट तक रावण को तैयार किया जाता है उंचाई के हिसाब से रावण की कीमत बढ़ती है.