नई दिल्ली:इस साल देश की राजधानी दिल्ली में गर्मी में बिजली की मांग पिछले सालों के सारे रिकॉर्ड तोड़कर एक नया रिकॉर्ड बनाने वाली है. हालांकि बिजली कंपनी का दावा है कि उन्होंने इसके पूरे इंतजाम कर रखे हैं. साथ ही इस बार बिजली की कमी को पूरा करने में ग्रीन एनर्जी का भी इंतजाम किया गया है.
ग्रीन एनर्जी से पूरी होगी बिजली की मांग: आने वाली गर्मी में निजी बिजली कंपनी बीएसईएस इलाके में बिजली की बढ़ी मांग को पूरा करने के लिए ग्रीन एनर्जी के इंतजाम में जुटी है. जानकारी के अनुसार, बीएसईएस ने 1500 मेगावाट ग्रीन एनर्जी की व्यवस्था की है, इसमें सेकी यानी सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया से मिलने वाली 888 मेगावाट सौर ऊर्जा और 486 मेगा वाट पवन ऊर्जा के अलावा कचरे से बनने वाली 40 मेगावाट बिजली भी शामिल है. इसके अलावा बीएसईएस इलाके में लगे सोलर पावर प्लांट से भी 130 मेगा वाट बिजली इकट्ठा करेगी.
केंद्र और राज्यों के बीच हुए समझौते के अनुसार, पावर प्लांटों से मिलने वाली नियमित बिजली के अलावा बीएसईएस को पावर ब्रेकिंग सिस्टम से भी 630 मेगावाट बिजली मिलेगी. पावर बैंकिंग के तहत तमिलनाडु, केरल, मेघालय, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड जैसे राज्य सभी बीएसईएस को बिजली मिलेगी. गर्मियों में बिजली खपत के पिछले सारे रिकॉर्ड टूटने का अनुमान है. दिल्ली में इस बार बिजली की डिमांड 8100 मेगावाट तक पहुंच सकती है, जबकि पिछले साल पीक डिमांड 7695 मेगा वाट रही थी. 2021 में दिल्ली में बिजली की मांग 7323 मेगावाट थी. जबकि 2020 में 6314 मेगा वाट. हालांकि 2019 में राजधानी में बिजली की मांग 7409 मेगावाट पहुंच गई थी.
वहीं दूसरी बिजली कंपनी बीआरपीएल के इलाके में पिछले साल बिजली की डिमांड 3389 मेगावाट थी. आईपीएल की बात करें तो पिछले साल इस क्षेत्र में बिजली की डिमांड 1752 थी. जबकि 2021 में यह डिमांड 1656 मेगावाट थी. वहीं इस साल बीवाईपीएल 1880 मेगावाट तक जा सकती है. उपभोक्ताओं को बिजली आपूर्ति उपलब्ध कराने के लिए बिजली की पर्याप्त व्यवस्था की गई है.