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मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विस के इंजीनियर्स अपने प्रमोशन को लेकर रक्षा मंत्री से करेंगे मुलाकात - Engineers of Military Engineering Service

मिलिट्री इंजीनियर्स का प्रमोशन पिछले 7 सालों से रुका हुआ है. इसे लेकर ऑल इंडिया MES सिविल इंजीनियर संगठन ने नाराजगी व्यक्त करते हुए केंट बोर्ड सदस्य और बीजेपी नेता मनीष सिंह को ज्ञापन सौंपा है.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Dec 18, 2023, 1:32 PM IST

मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विस के इंजीनियर्स

नई दिल्ली:मिलिट्री इंजीनियर्स का प्रमोशन कई सालों से रुका हुआ है. आरोप है कि जिस पद पर भर्ती हुऐ उसी पद से रिटायर्ड हो रहे हैं. इसे लेकर ऑल इंडिया MES सिविल इंजीनियर संगठन ने केंट बोर्ड सदस्य और बीजेपी नेता मनीष सिंह को अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपा. वहीं इस मामले में मनीष सिंह ने इंजीनियरों को भरोसा दिलाया कि वे जल्द ही रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात कर इस समस्या का समाधान निकालेंगे.

गौरतलब है कि, सहायक अभियंता से कार्यकारी अभियंता की पदोन्नति साल 2016 से पेंडिंग है दिल्ली केंट सदस्य. संगठन के सदस्यों का कहना है कि, "एमईएस में तैनात सहायक अभियंता से कार्यकारी अभियंता की पदोन्नति वर्ष 2016 (07 वर्ष) से ​​लंबित है. इस संबंध में कई बार उच्च अधिकारियों से अनुरोध किया गया लेकिन हमेशा अनसुना ही किया गया. हर जगह से निराशा हाथ लगने के बाद हमने मनीष सिंह को ज्ञापन सौंपकर गुहार लगाई है."

वहीं, इस मामले में मनीष सिंह का कहना है कि ऑल इंडिया एमईएस सिविलियन इंजीनियर्स एसोसिएशन 1978 में अस्तित्व में आया था. यह भारत का सबसे बड़ा इंजीनियर एसोसिएशन है. एमईएस पूरे वर्ष भारतीय सेना, नौसेना, वायु सेना, डीआरडीओ, तट रक्षक और कुछ अन्य केंद्रीय सरकारी विभागों के लिए सभी सिविल, मैकेनिकल और इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग से संबंधित बुनियादी ढांचे और रख-रखाव आवश्यकताओं को पूरा करने में महत्वपूर्ण योगदान देता है जल्द इनकी मुख्य मांगो को लेकर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह से मुलाक़ात कर समाधान निकाल सकते है.

वहीं, मिलिट्री इंजीनियर सर्विसेज से जुड़े इंजीनियरों का कहना है, "दिल्ली कैंट बोर्ड सदस्य से मिलने और उन्हें ज्ञापन देने के बाद एक उम्मीद जगी है की रक्षा मंत्री से मुलाकात होगी और वह जल्द से जल्द इस लंबित मामले में कोई न कोई निर्देश देंगे जो इन इंजीनियरों के लिए संतोष देने वाली खबर होगी. उनके अनुसार 7 सालों में कोई भी इंजीनियर अस्सिटेंट इंजीनियर से एग्जीक्यूटिव इंजीनियर नहीं बना और कई लोग तो रिटायर भी हो गए."

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