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दिल्ली में दिवाली : त्यौहार के मौके पर सैनिक एनक्लेव में भरा है कीचड़ और गंदा पानी

विकासपुरी कॉलोनी विधानसभा क्षेत्र में त्यौहार के मौके पर लोग मायूस हैं. सैनिक एनक्लेव में हमेशा की तरह कीचड़ और गंदा पानी भरा हुआ है. दिल्ली में दिवाली (Diwali in Delhi) मनाने का उत्साह नहीं है. लोगों की परेशानी, पेश है उन्हीं की जुबानी

त्यौहार के मौके पर सैनिक एनक्लेव में भरा है कीचड़
त्यौहार के मौके पर सैनिक एनक्लेव में भरा है कीचड़

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Published : Oct 23, 2022, 6:01 PM IST

नई दिल्ली : विकासपुरी कॉलोनी विधानसभा क्षेत्र के सैनिक एनक्लेव की हालत का अंदाजा यहां रहने वाले लोगों की नाराजगी से पता चलता है.यहां की गलियां और सड़कें कीचड़ और गंदा पानी (mud and dirty water) से पटी पड़ी हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां के लोग नर्क वाली जिंदगी जीते हैं. यही वजह है कि लोगों का गुस्सा दिल्ली सरकार हो या फिर बीजेपी शासित एमसीडी दोनों पर है.

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दिवाली पर कॉलोनी में कीचड़ और गंदा पानी : दिवाली त्यौहार है कुछ हिस्सा कीचड़ से सना हुआ तो कहीं कूड़ों का ढेर है. दीपावली का त्यौहार है और हर कोई अपने- अपने घरों की सफाई करने के साथ-साथ घर के बाहर भी सफाई करता है, लेकिन यहां की हालत के कारण लोगों में त्यौहार का कोई उत्साह नहीं है और वे जनप्रतिनिधियों को जमकर कोस रहे हैं. उनका कहना है बीजेपी पार्षद का इलाका हो या फिर आप विधायक का कोई उनकी इस समस्या को जो सालों से चली आ रही है, इसका निदान करने को तैयार नहीं है. पिछले कुछ दिनों में हालात बद से बदतर हो चुके हैं.

सैनिक एनक्लेव में भरा है कीचड़ और गंदा पानी

बेवकूफ बना रहे सभी नेता :सभी नेता आश्वासन देकर लोगों को बेवकूफ बना रहे हैं. नाराज लोगों का कहना है दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दिल्ली को पेरिस बनाने की बात करते हैं लेकिन वे लोग जिस नर्क में रह रहे हैं उसे उनके दावों की हकीकत पता चलती है. लोगों की नाराजगी इलाके के आप विधायक महेंद्र यादव से भी है, लोगों का कहना है उनकी किसी भी समस्या का समाधान विधायक ने नहीं करवाया. सड़क लाइट सब पहले की लगी है. बस लोगों को मरने के लिए छोड़ दिया. इसी गंदगी और कीचड़-पानी से होकर लोगों को घर से बाहर किसी भी काम के लिए जाना पड़ता है. कई बार महिलाएं गिरी हैं, उनके हाथ-पैर भी टूटे हैं. बच्चे घर से बाहर निकल नहीं सकते. घर के बाहर खेल नहीं सकते. यहां तक कि स्कूल जाना भी किसी चुनौती से कम नहीं है पर जनप्रतिनिधियों को जनता की कोई फिक्र नहीं है.

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