नई दिल्ली:गुरुवार को दिल्ली सरकार के गृह मंत्री कैलाश गहलोत ने तिहाड़ जेल के डीजी और गृह विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की है. बैठक बुलाने का मकसद सेंट्रल जेल में आ रही विभिन्न चुनौतियों को बेहतर ढंग से समझना था. इस बैठक में डीजी (जेल) ने मंत्री को इन जेलों में चल रहे कई सुरक्षा उपायों और सुधारात्मक पहलुओं के बारे में जानकारी दी.
जेल में सुधार और परिवर्तन की जरूरत:गृह मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि जेल में कैदियों के लिए एक सुधार और परिवर्तन की जरूरत है. जेल में कैदियों को अधिकारी तकनीकी प्रशिक्षण और कौशल विकास के अवसर मुहैया करा रहे हैं, जो काबिले तारीफ है. उन्होंने कहा कि, "मुझे यकीन है कि इससे उन्हें जेल से बाहर आने के बाद बेहतर इंसान बनने और बेहतर जीवन जीने में मदद मिलेगी. सीएम केजरीवाल के नेतृत्व में हम ऐसे लोगों को एक बेहतर इंसान बनने का दूसरा मौका देना चाहते हैं." इसके साथ ही उन्होंने कहा कि, "मैं कैदियों की सहायता के लिए जेलों में चल रहे सुधार करने के प्रयासों की सराहना करता हूं."
बैठक में जेलों में अत्यधिक भीड़, जेल में सेल फोन के प्रयोग, जेल के अंदर चिकित्सा सेवाओं की उपलब्धता और कैदियों के लिए कौशल प्रशिक्षण के प्रावधान सहित महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी चर्चा की गई. मंत्री ने जेलों में चल रहे सुधारात्मक प्रयासों की भी सराहना की और जेल के अंदर ध्यान, शिक्षा, खेल, कला और चिकित्सा आदि की जरूत पर बल दिया. इसके अतिरिक्त उन्होने इस बात पर जोर दिया कि दोषियों को दिया जाने वाला कौशल प्रशिक्षण समकालीन और बाजार की मांगों के अनुसार होना चाहिए, जिससे ये सुनिश्चित हो सके कि जेल में अपनी अवधि पूरी करने के बात ऐसे लोग बाहर आने पर अपनी आजीविका कमा सकें. इसके साथ ही अकाउंटिंग, बीपीओ के बैक ऑफिस और एयरलाइन टिकटिंग जैसे कौशल में तकनीकी प्रशिक्षण की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला गया.
बाहरी रेफरल की जरूरत को कम करने के लिए जेल अस्पतालों में चिकित्सा सुविधाओं में सुधार पर भी चर्चा हुई. डीजी (जेल) ने गृह मंत्री कैलाश गहलोत को जेल के अंदर सीसीटीवी के प्रसार और जैमर की प्रभावशीलता के बारे में जानकारी दी. इस बैठक में बापरोला, नरेला आदि में नई जेलों की जरूरत पर भी चर्चा हुई. वहीं मंत्री ने कैदियों के लिए एक सुरक्षित और अधिक पुनर्वास वातावरण बनाने के लिए जेलों में निरंतर सुधारात्मक प्रयासों के महत्व पर जोर दिया.
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