नई दिल्ली: मानसून के दौरान दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में जलभराव को रोकने के लिए केजरीवाल सरकार इस बार युद्ध स्तर पर तैयारी कर रही है. पीडब्ल्यूडी मंत्री आतिशी नालों की साफ-सफाई को लेकर अभी से अलर्ट मोड पर हैं. इस बार माइक्रो लेवल प्लानिंग के साथ जलजमाव की गंभीर समस्या को दूर करने के उपाय किए जा रहे हैं. शुक्रवार को जलजमाव रोकने की कार्य योजना का जायजा लेने दिल्ली की पीडब्ल्यूडी मंत्री निकली.
जलभराव के 156 पॉइंट चिन्हित: पीडब्ल्यूडी मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि मानसून से पहले एक निश्चित टाइमलाइन के साथ पीडब्ल्यूडी के नालों की डिसिल्टिंग का काम पूरा हो जाना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि केजरीवाल दिल्ली को जलजमाव की समस्या से मुक्त करना चाहते हैं. पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों ने मंत्री आतिशी को बताया कि जलभराव के 156 पॉइंट चिन्हित किए गए हैं. साथ ही पांच गंभीर जलजमाव वाले क्षेत्र भी चिन्हित किए गए हैं. इस बार पीडब्ल्यूडी पूरी तरह से जलजमाव की समस्या खत्म करने को तैयार है. इसके लिए पीडब्ल्यूडी ने 128 पंप हाउस स्थापित की है, जिनमें 700 से अधिक पंप है. वहीं 111 पंप हाउस पूरी तरह से ऑटोमेटिक है, जो सेंसर के माध्यम से पानी के स्तर के बढ़ते ही खुद शुरू हो जाएंगे.
मोबाइल पंप यूनिट की होगी तैनाती: मानसून में जरूरत पड़ने पर पीडब्ल्यूडी अपने मोबाइल पंप यूनिट भी तैनात करेगी. जानकारी के अनुसार पीडब्ल्यूडी के नालों के डिसिल्टिंग का काम शुरू हो चुका है. 31 मई तक पहले फेज का काम पूरा हो जाएगा. मानसून के दौरान कंट्रोल रूम अधिक जलभराव वाले स्थानों की 24 घंटे सीसी टीवी के माध्यम से निगरानी करेगा. जलजमाव संबंधित शिकायतों के लिए पीडब्ल्यूडी मानसून सत्र के दौरान हेल्पलाइन नंबर भी जारी करेगी.