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दिल्ली में करीब 13 हजार दुकानें सील, व्यापारी नेता बोले- लड़ेंगे हक की लड़ाई

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Published : Oct 14, 2021, 5:15 PM IST

अगर किसी की दुकान चार दिन के लिए बंद हो जाए तो आर्थिक समस्या शुरू हो जाती है, लेकिन क्या आपको पता है कि दिल्ली के अंदर 13 हजार दुकानें ऐसी हैं, जो सालों से बंद हैं. सोचिए जरा उनका क्या हाल होगा. इसको लेकर ईटीवी भारत ने दिल्ली बीजेपी व्यापार प्रकोष्ठ के संयोजक से बात की है. पढ़िए पूरी खबर.

सीलिंग का मुद्दा फिर चर्चा में
सीलिंग का मुद्दा फिर चर्चा में

नई दिल्ली : राजधानी दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में कुछ साल पहले दुकानों की सीलिंग शुरू हुई जो आज तक नहीं खुली है. यह मुद्दा MCD चुनाव में बड़ा बन सकता है. इसको लेकर दिल्ली बीजेपी व्यापार प्रकोष्ठ के नए संयोजक बने रमेश खन्ना से ईटीवी भारत ने बात की है. उन्होंने बताया है कि उनकी पहली प्राथमिकता यही है कि कैसे इन दुकानों की सीलिंग हटाई जाए.

दिल्ली में दुकानों की सीलिंग एक बहुत बड़ा मुद्दा है. दिल्ली के अंदर हजारों की संख्या में दुकानें सील हैं. ये दुकानें अलग-अलग कैटेगरी की हैं. इन दुकानों के संचालक कभी-कभी प्रदर्शन करते हैं, लेकिन उन्हें कुछ हासिल नहीं होता. दिल्ली बीजेपी व्यापार प्रकोष्ठ के नए संयोजक का पद संभालने वाले व्यापारी नेता रमेश खन्ना ने सीलिंग का जिम्मेदार MCD के ब्यूरोक्रेट्स को ठहराया है.

बीजेपी व्यापार प्रकोष्ठ के नए संयोजक रमेश खन्ना

उन्होंने कहा कि सबसे बड़ा मुद्दा लोकल शॉपिंग सेंटर यानी LAC का है. ये कॉमर्शियल प्लॉट है और इसके ऊपर कन्वर्जन चार्ज नहीं बनता है, लेकिन MCD ने मॉनिटरिंग कमेटी के माध्यम से LAC के तहत पांच हजार दुकानों को सील कर रखा है. इसके खिलाफ पीड़ित दुकानदार सुप्रीम कोर्ट तक गए. इसके बाद दिल्ली डेवलपमेंट अथॉरिटी (DDA) ने भी दुकानदारों के पक्ष में नोटिफिकेशन जारी करते हुए कि इनके ऊपर कन्वर्जन चार्च नहीं बनता है. इसके बावजूद MCD के ब्यूरोक्रेट्स इस बात को मानने के लिए तैयार नहीं हैं.

रमेश खन्ना ने बताया कि कुछ दुकान और प्लॉट ऐसे हैं, जहां जगहों को मिस यूज किया गया था. उनको MCD की ओर से नोटिस दिया गया. उसके बाद उन्होंने मिस यूज को हटा लिया. कुछ लोगों को बवाना में प्लॉट मिले और वे वहां चले गए. उनके जाने के बाद खाली प्लॉट और दुकान से मिस यूज हट गया. इसके बाद भी सालों से यह दुकानें और प्लॉट सील हैं. यह एकदम निराधार है.

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व्यापारी नेता ने कहा कि बीते दो साल से लॉकडाउन के कारण व्यापारियों ने बहुत परेशानियां झेलीं. इसके बाद भी इन व्यापारियों ने समाज की काफी मदद की, लेकिन MCD के ब्यूरोक्रेट्स व्यापारियों का सहयोग करने की बजाय उन्हें परेशान करने में लगे हुए हैं.

उनका कहना है कि अगर इन दुकानों को खोल दिया जाता, तो MCD को रेवेन्यू मिलता, GST, इनकम टैक्स भी व्यापारी देते हैं, लेकिन ये ब्यूरोक्रेट्स व्यापारियों को राहत देने की बजाय उनकी मुश्किलें बढ़ा रहे हैं.

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उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि व्यापारी बहुत परेशान हैं और अब वो अपना हक छीनना चाहते हैं. उन्होंने खुद को बीजेपी से जुड़ने की बात पर कहा कि बीजेपी से जुड़ना फक्र की बात है, लेकिन एक नेता होने से पहले वह एक व्यापारी भी हैं. इसलिए व्यापारियों के लिए वो राजनीति से ऊपर उठकर काम करेंगे.

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