नई दिल्ली: स्वतंत्रता दिवस पर वेस्ट जिला पुलिस ने जनकपुरी के आंध्र एजुकेशन सोसाइटी में साइबर क्राइम अवेयरनेस प्रोग्राम का आयोजन किया. इसमें 1000 से अधिक बच्चे टीचर्स और पैरेंट्स ने हिस्सा लिया. कार्यक्रम में साइबर बुलिंग, साइबर ग्रूमिंग, ऑनलाइन सेफ्टी, सेक्सटरसंन् सहित ऑनलाइन फ्रॉड के बारे में विस्तार से जानकारी देने के साथ-साथ उन्हें जागरूक भी किया गया.
कार्यक्रम में संभावित रूप से असुरक्षित ऑनलाइन व्यवहार के बारे में विस्तार से बताया गया. और वहां मौजूद बच्चों के साथ-साथ बच्चों के पेरेंट्स और टीचर्स को भी इस बात के लिए प्रेरित किया गया कि सोशल मीडिया पर कुछ भी लिखने से पहले सोचना चाहिए और विवादास्पद मुद्दों से परहेज ही रखना चाहिए.
सोशल मीडिया पर क्या पोस्ट न करें
- आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल हो.
- धार्मिक भावनाएं भड़काने की कोशिश हो.
- किसी के सम्मान को ठेस पहुंचा रहा हो.
- अखंडता को नुकसान पहुंचा रहा हो.
- किसी संप्रदाय के खिलाफ हो.
- किसी को जान से मारने की धमकी हो.
- अश्लील कंटेंट हो.
ऐसा होने पर आप पर कार्रवाई की जा सकती है और कुछ धाराओं में जेल तक का प्रावधान है. भारत के आईटी नियम के अनुसार साइबर क्राइम में सजा का प्रावधान है. ये सजा 3 साल से लेकर आजीवन कारावास तक है. साथ ही जुर्माने का प्रावधान एक लाख से लेकर 10 लाख रुपये तक है. इसलिए ऐसी बातों, शब्दों के इस्तेमाल से बचना चाहिए, ऐसी जानकारी को निजी रखने का महत्व भी समझने की जरूरत को भी बताया गया, और बहुत अधिक व्यक्तिगत जानकारी को साझा न करने की भी सलाह दी गयी