नई दिल्लीःमनीष सिसोदिया के मसले पर बीजेपी लगातार आम आदमी पार्टी (आप) और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को घेरने में जुटी है. साथ ही मुख्यमंत्री का इस्तीफा भी मांग रही है. इसी को लेकर दिल्ली के अलग-अलग इलाके में आज सीएम केजरीवाल के साथ-साथ मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन का पुतला जलाकर होलिका दहन की गई. दूसरी तरफ बीजेपी के इस प्रयास को आम आदमी पार्टी बस नौटंकी बता रही है.
जनकपुरी से आम आदमी पार्टी के विधायक राजेश ऋषि का कहना है कि बस गिनती के लोग इकट्ठा होकर दिल्ली सरकार के खिलाफ हुल्लड़बाजी करते हैं. यह महज एक ड्रामा है. इससे दिल्ली की जनता को कोई फर्क नहीं पड़ने वाला. क्योंकि जो असली हकीकत है, वह दिल्ली की जनता को पता है कि मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन को जेल भेजने के साजिश के पीछे बीजेपी और केंद्र सरकार की साजिश है.
उन्होंने दावा किया कि वे लोगों के बीच जा रहे हैं. काम भी कर रहे हैं. ऐसे में लोग खुद उनसे आकर यह कहते हैं कि मनीष सिसोदिया को चक्रव्यूह में फंसाना केंद्र सरकार की बस एक गंदी राजनीति का नतीजा है. असली होलिका तो खुद बीजेपी की जलने वाली है और उसका वक्त आ गया है. केंद्र सरकार बस अपने एजेंसी का गलत इस्तेमाल कर रही है. अगर होलिका ही जलाना है तो देश से गरीबी और बेरोजगारी की होलिका जलाएं.
विधायक का कहना है दिल्ली के मुख्यमंत्री दिल्ली के साथ-साथ देश में शिक्षा के स्तर को बेहतर बनाने का प्रयास कर रहे थे और उसमें मनीष सिसोदिया ने अहम भूमिका निभाई, लेकिन जिस तरह के हालात पैदा किए जा रहे हैं, इससे कैसे शिक्षा का स्तर बेहतर होगा और जो खुद बीजेपी कहती है कि भारत विश्व गुरु बनेगा तो उनकी इस हरकत से विश्व गुरु कैसे बन सकता है? उन्होंने दावा किया कि बीजेपी झूठे लोगों की पार्टी है और उनका राजनीतिक आधार ही झूठ है और मनीष सिसोदिया हों, चाहे सत्येंद्र जैन हों, उनको भी झूठे केस बनाकर फसाने में जुटी हुई है. लेकिन एक न एक दिन सच्चाई सबके सामने आ ही जाएगी. लोग अभी भी समझ रहे हैं कि इसके पीछे बीजेपी का क्या मकसद है, लेकिन इससे बीजेपी को अंत तक कोई भला नहीं होने वाला.
ये भी पढ़ेंः Shahnawaz Hussain: भाजपा नेता शाहनवाज हुसैन को राहत, दिल्ली हाईकोर्ट ने FIR दर्ज करने का निर्देश किया निरस्त
आप विधायक का कहना है कि बीजेपी की हमेशा से कोशिश रही है कि कोई उनके विरोध में ना हो और अगर कोई विरोधी उनके खिलाफ आवाज उठाता है, तो उस आवाज को दबाने का भरसक प्रयास करते हैं. उन्होंने यह भी कहा इंदिरा गांधी के वक्त भी इमरजेंसी लगाई गई थी. उसका नतीजा सबको पता है और अभी भी अघोषित इमरजेंसी है, लेकिन आने वाले दिनों में हकीकत सबके सामने आ ही जाएगी.
ये भी पढ़ेंः Land For Job Scam: पटना में राबड़ी आवास से निकली CBI की टीम, जमीन के बदले नौकरी देने के मामले में हुई पूछताछ