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ऑनलाइन शॉपिंग पड़ी महंगी! मेहनत की कमाई 3 मिनट में बैंक खाते से गायब - Cyber crime rules

पूसा के संरक्षित कृषि प्रौद्योगिकी केंद्र में कार्यरत अनिल ने ऑनलाइन खरीददारी के लिए एक कंपनी के कस्टमर केयर पर फोन किया. दूसरी तरफ से उनसे और जानकारी मांगी गई. इस दौरान उनका फोन हैक कर लिया गया.

online fraud
ऑनलाइन फ्रॉड

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Published : Aug 26, 2020, 12:25 PM IST

नई दिल्ली:ऑनलाइन खरीदारी जितनी आसान है, उतनी ही इस दौरान सावधानी बरतने की जरूरत भी है, नहीं तो आसानी से ऑनलाइन धोखाधड़ी का शिकार हुआ जा सकता है. इंद्रपुरी इलाके में हुई एक घटना तो यही साबित करती है. संरक्षित कृषि प्रौद्योगिकी केंद्र पूसा में वरिष्ठ तकनीकी सहायक ने ऑनलाइन कंपनी के कस्टमर केयर पर फोन करने पर महज 3 मिनट के अंदर उनके अकाउंट से लगभग सवा लाख रुपये निकाल लिए.

अकाउंट से लगभग सवा लाख रुपए निकल लिए

ऑनलाइन ठगी का हुए शिकार


पूसा के संरक्षित कृषि प्रौद्योगिकी केंद्र में कार्यरत अनिल ने ऑनलाइन खरीददारी के लिए एक कंपनी के कस्टमर केयर पर फोन किया. दूसरी तरफ से उनसे और जानकारी मांगी गई. इस दौरान उनका फोन हैक कर लिया गया. जिसके बाद उनकी माने तो महज 3 मिनट के अंदर उनके क्रेडिट कार्ड से लगभग ₹1,20,000 रुपये निकाल लिए गए.

शिकायत के बावजूद दूसरे क्रेडिट कार्ड से भी पैसे चोरी

हैरानी की बात ये है कि बैंक से फ्रॉड होने के बाद उन्होंने बैंक में क्रेडिट कार्ड ब्लॉक करने के लिए आवेदन किया. बावजूद उसके दूसरे क्रेडिट कार्ड से भी और पैसे निकल लिए गए. इस बात से वो बेहद हैरान और परेशान हैं. उनकी मेहनत की कमाई महज 3 मिनट में निकल गई. अब वो थानों का चक्कर लगा रहे हैं.

अनिल ने बताया कि उन्होंने फ्लिपकार्ट से कोई सामान मंगाया था और उसी की जानकारी के लिए उन्होंने कस्टमर केयर नंबर पर फोन किया था. जिसके बाद उनके साथ ये फ्रॉड हुआ. उन्होंने इंद्रपुरी थाने में शिकायत दे दी है. इस मामले की जांच में साइबर सेल जुटा है, लेकिन अनिल बेहद परेशान हैं. उनकी कड़ी मेहनत की कमाई महज 3 मिनट में निकल गई. अगर ऑनलाइन शॉपिंग के नियमों को और सख्त बनाया जाए तभी उनका फायदा होगा.

फोन कॉल के जरिए ऑनलाइन हैकिंग

उनका कहना है कि सरकार को साइबर क्राइम रोकने के लिए सख्त कदम उठाने चाहिए. तभी डिजिटल इंडिया का सपना साकार होगा. क्योंकि अधिकतर लोग जिस तरह से ऑनलाइन खरीददारी करने लगे हैं. ऐसे में लोगों के ठगे जाने का खतरा भी बढ़ता जा रहा है. ये तो बिल्कुल अलग तरह का मामला है. जिसमें ओटीपी उनके मोबाइल पर आ रहा था, लेकिन उस ओटीपी की जानकारी फ्रॉड करने वाले को भी पता चल रही थी. जिसके आधार पर उसने इतने पैसों का ट्रांजेक्शन कर लिया.

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