नई दिल्ली : दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) चुनाव के तारीखों की घोषणा के साथ ही सभी पार्टियों में अफरा तफरी का माहौल है. सभी पार्टियां एक दूसरे के खिलाफ बोलते हुए अपने-अपने मुद्दे को सामने रख रही हैं. इस बार का चुनाव पिछले चुनाव से अलग होने जा रहा है, जहां पूरी दिल्ली में अब एक ही निगम होगा, तो वहीं इस बार नगर निगम की सीटें भी पहले की अपेक्षा कम हो गई है. एमसीडी चुनाव में सीटें जरूर कम हो गई हैं, लेकिन पार्टियों का जोश कम नहीं हुआ है. वो पूरे दम-खम के साथ अपनी योजनाओं और दावों का पिटारा लेकर जनता के समक्ष पहुंचने की तैयारी में जुट गई हैं.
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कांग्रेस पार्टी की नजफगढ से महिला अध्यक्ष इंद्रावती सिंह ने सभी पार्टियों को बरसाती मेंढ़क बताते हुए कहा कि दिल्ली में एमसीडी ने कोई काम नहीं किया है. जगह-जगह सड़कें टूटी हुई हैं, नालियां गंदी पड़ी हुई हैं और पानी ओवरफ्लो होकर बह रहा है. स्कूल भी बदहाली की स्थिति में हैं. कूड़े के अंबार लगे हुए हैं, लोगों के पास कोई मुद्दा ही नहीं है. अबकी बार जनता खुद एमसीडी में कांग्रेस को लेकर आएगी.
वहीं दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी से संजय राठी ने कहा कि इनके लिए इस बार चुनावी मुद्दा दिल्ली में तीन जगह बनाए हुए कूड़े के पहाड़ है. उन्होंने कहा कि जगह-जगह कूड़े का अंबार और एमसीडी में भ्रष्टाचार फैला पड़ा है. बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि एमसीडी को जो पैसे काम के लिए दिए जाते हैं वह रिश्वत के तौर पर खाए जा रहे हैं. दिल्ली से भ्रष्टाचार को मिटाना है.
बीजेपी के हरेंद्र सिंघल ने अपने चुनावी मुद्दों में एमसीडी कर्मचारियों को समय पर वेतन ना मिलने का कारण, केजरीवाल को बताते हुए कहा कि कोरोना योद्धा होने के बावजूद केजरीवाल ने इनको समय पर सैलरी नहीं दी. सब से बड़ी बात, जगह-जगह शराब के ठेके खुलने और टर्मिनस का छोटा बनाने की वजह से जगह-जगह जाम लगता रहता है, इस कारण पॉल्यूशन भी बढ़ता है.
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