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Chhawla Gang Rape: कोर्ट के फैसले के बाद पीड़िता के परिजनों ने निकाला कैंडल मार्च, जताई नाराजगी - दिल्ली लेटेस्ट न्यूज

दिल्ली के छावला गैंगरेप मामले में उच्चतम न्यायालय द्वारा आरोपियों को सबूतों के आभाव में बरी किए जाने के बाद पीड़िता के परिजनों ने फैसले पर नाराजगी जताते हुए और कैंडल मार्च निकाला (Victim family organised candle march) और केस को रिओपन करने की मांग की.

Victim family organised candle march
Victim family organised candle march

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Published : Nov 9, 2022, 12:34 PM IST

नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को उन तीन आरोपियों को बरी कर दिया, जिन्हें 2012 में एक 19 वर्षीय लड़की के साथ सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के लिए दोषी ठहराया गया था. न्यायालय ने उन्हें 'संदेह का लाभ' देते हुए बरी कर दिया. लेकिन उच्चतम न्यायालय के इस फैसले को लेकर अब चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है. इसी क्रम में राजधानी के द्वारका जिले में निर्भया के परिजनों ने फैसले पर नाराजगी जताते हुए कैंडल मार्च (Victim family organised candle march) निकाला.

पीड़िता के पिता ने बताया कि 10 साल से वे अपनी बेटी को इंसाफ दिलाने की लड़ाई लड़ रहे थे, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फैसले से वे काफी आहत हैं. इस दौरान कैंडल मार्च में निर्भया के माता पिता सहित स्थानीय लोग भी शामिल हुए और न्यायालय के फैसले का विरोध किया. बता दें कि फरवरी 2012 में छावला थाना इलाके में एक युवती से गैंगरेप के बाद आरोपियों ने उसकी हत्या कर दी थी. इस मामले में आरोपी राहुल, रवि और विनोद को पहले द्वारका कोर्ट और फिर दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा फांसी की सजा सुनाई गई थी. बाद में यह मामला उच्चतम न्यायालय पहुंचा जहां लंबे समय तक मामले की सुनवाई के बाद आरोपियों को सबूतों के आभाव में मामले में बरी कर दिया गया.

पीड़िता के परिजनों और स्थानीय लोगों ने निकाला कैंडल मार्च

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वहीं कोर्ट के इस फैसले पर पीड़िता के परिजनों के साथ लोगों का कहना है कि जब द्वारका कोर्ट और दिल्ली हाईकोर्ट ने आरोपियों को फांसी की सजा दी तो फिर सबूतों का आभाव कैसे हो सकता है. अगर ऐसा है भी तो मामले की फिर से जांच करवानी चाहिए. उन्होंने कहा कि इस केस को रीओपन कर जांच और सुनवाई की जाए, जिससे पीड़िता को इंसाफ मिल सके और युवतियों और महिलाओं का न्यायपालिका पर भरोसा बना रहे.

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