नई दिल्ली:द्वारका के इस्कॉन मंदिर में गणेश उत्सव पर भव्य तैयारी की गई है. आज गणपति स्थापना से लेकर विसर्जन तक सभी भक्तगण जहां गजानन, विघ्नेश्वर से अनंत विघ्नों का नाश करने की प्रार्थना करते हैं. वहीं, उनसे कृपा दृष्टि बनाए रखने की कामना भी करते हैं. साथ ही उनको मोदक, मिष्ठान्न का भोग लगाकर प्रसन्न करने कोशिश करते हैं. भोजन वितरण के साथ गणेश के प्रिय मोतीचूर के लड्डू प्रसादम का भी वितरण किया जाता है.
ज्ञान के भंडार कहे जाने वाले विनायक की उपासना के लिए भक्तगण पूरी तरह से तैयार हैं. 10 सितंबर को गणेश चतुर्थी का विशेष उत्सव पूरे विश्व में बड़ी धूमधाम से मनाया जा रहा है. हालांकि कोरोना काल की वजह से सबकुछ नियंत्रण में रहेगा लेकिन भक्त अपनी श्रद्धा और विश्वास को प्रकट करने के लिए जहां ऑनलाइन माध्यमों का विकल्प लेंगे, वहीं भौतिक जगत की सुख-शांति के लिए यह एक सरल उपाय भी है.
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यदि आप आध्यात्मिक शांति पाना चाहते हैं तो गणेश जी की तरह आप भी उनकी सेवा भक्ति कीजिए, जिनकी उन्होंने स्वयं की है. शिवजी के गणों में सबसे प्रधान कहे जाने वाले गणपति, भगवान श्री कृष्ण के बड़े प्रिय भक्त कहे जाते हैं, क्योंकि उन्होंने स्वयं श्री कृष्ण की महिमा को लिखा है. महर्षि वेदव्यास ने पुराणों का उच्चारण किया और गणेश जी ने उनको लिखने में मदद की.
अगर आप गणेश जी को प्रसन्न रखना चाहते हैं तो उनके द्वारा लिखे गए महापुराणों में से एक ग्रंथराज भागवतम को अपने घर में अवश्य रखें, पढ़ने का संकल्प लें और चाहें तो अपने मित्रगणों को उपहार में भी दे सकते हैं. सर्वसत्य है कि सभी शास्त्रों में सर्वश्रेष्ठ है भागवत. भागवत को नियम बनाकर थोड़ा-थोड़ा रोज़ पढ़ना और दूसरों को प्रेरित करना भी भक्त के लिए एक प्रकार की सेवा के साथ-साथ अपने जीवन को नई राह देने का सुअवसर भी है.