वहीं प्रदर्शनकारियों ने कई बड़े सवाल खड़े किए. उनका कहना है कि इन आतंकी हमले में जितना सहयोग पकिस्तान का है, उतना ही देश में बैठे नेताओं और खासकर कश्मीर में बैठे उन हुर्रियत नेताओं का भी है, जो लगातार कश्मीर के नवजवानों को गुमराह कर रहे हैं.
'देशद्रोही नेताओं को गोली मारो, तभी रुकेगा आतंकी हमला' - Tribute to soldiers
नई दिल्ली: पश्चिमी दिल्ली के विकास पुरी में आरडब्ल्यूए और स्थानीय लोगों ने कश्मीर के पुलवामा में शहीद हुए 42 सीआरपीएफ के वीर जवानों को श्रद्धांजलि देते हुए प्रदर्शन किया. वहीं पाकिस्तान और कश्मीरी हुर्रियत नेताओं के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. यहां तक की हुर्रियत नेताओं को गोली मरने तक की बात कही गई.
'देशद्रोही नेताओं को गोली मार देनी चाहिए'
लोगों ने कहा कि कश्मीर की आजादी को समर्थन करने वाले ऐसे नेताओं के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए और ऐसे देशद्रोही नेताओं को गोली मार देनी चाहिए. लोगों ने कश्मीरी नेता मीर वाइज अली शाह गिलानी को तुरंत गोली मरने की बात कही.
'हुर्रियत नेताओं पर लगाम लगाए पीएम'
लोगों ने यह भी सवाल उठाए कि आखिर कश्मीर में आंतकवादी हमले सेना पर ही क्यों होते हैं. यह हमले फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती पर क्यों नहीं होते, जबकि कश्मीर के हुर्रियत नेताओं पर आज तक कोई हमला नहीं हुआ. ऐसे में अब देश के प्रधानमंत्री को पहले इन हुर्रियत नेताओं पर लगाम लगाना पड़ेगा, उसके बाद ही कश्मीर में आतंकी घुसपैठ और हमले बंद होंगे.