नई दिल्ली:किशनगंज मेट्रो स्टेशन के पास दिनदहाड़े 25 लाख कैश की लूट के सनसनीखेज मामले में गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ के बाद क्राइम ब्रांच पुलिस ने कई अहम खुलासे किए हैं. इस पूरे वारदात के आगाज से लेकर अंजाम देने तक आरोपी राजबीर उर्फ वज़ीर मामा की काफी अहम भूमिका रही है. अरोपियों से पूछताछ के बाद क्राइम ब्रांच पुलिस को पता चला कि राजबीर उर्फ वज़ीर मामा ने ही लूट को अंजाम देने के लिए हथियार मुहैय्या करवाया था और वारदात को अंजाम देने के बाद लूट के आरोपियों को छुपने के लिए जगह भी उपलब्ध करवाई थी.
पूछताछ और जांच में पुलिस को पता चला कि राजबीर उर्फ वजीर मामा पर एक दर्जन आपराधिक मामले दर्ज हैं. ये पहली बार 1997 मे आर्म्स एक्ट के एक मामले में गिरफ्तार हुए था, जिसके बाद से वो लगातार अपराध की दुनिया में सक्रिय है. शालीमार बाग थाने की पुलिस ने 2010 में इसे मकोका के मामले में गिरफ्तार किया था. ये सुरखपुर के गैंगस्टर सुधीर उर्फ काला (मृत) का सहयोगी रहा है. ये अपराधियों को हथियार और पनाह देने का काम करता है. ये दिल्ली के कई बड़े लूट और बैंक कैश वैन के लूट के मामलों में शामिल रहा है.
18 अप्रैल को किशनगंज मेट्रोल स्टेशन के पास डीसीएम रोड पर गन पॉइंट पर एक प्राइवेट कंपनी के कलेक्शन एजेंट से स्कूटी सहित 25 लाख रुपये कैश लूट की वारदात को अंजाब देने वाले तीन आरोपी गिरफ्तार हुए हैं. जिनके पास से लूट की रकम से खरीदी गई स्कूटी, गोल्ड चेन और वारदात के समय पहने गए कपड़े बरामद हुए हैं.