नई दिल्ली: द्वारका के दादा देव शिशु हॉस्पिटल पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए लोगों ने हॉस्पिटल के बाहर प्रदर्शन किया. हॉस्पिटल और डॉक्टरों के खिलाफ नारेबाजी की गई. एक शख्स ने अस्पताल पर उनकी पत्नी की कोरोना रिपोर्ट देने में देरी का आरोप लगाया है. साथ ही उनका कहना है कि हॉस्पिटल रैपिड टेस्ट के नाम पर धोखा कर रहा है. हॉस्पिटल में किए रैपिड टेस्ट की नेगेटिव कोरोना रिपोर्ट के आधार पर कोई अस्पताल इलाज नहीं कर रहा है.
'रैपिड टेस्ट रिपोर्ट को प्राइवेट अस्पताल ने नहीं माना'
मानव देव दर्पण फाउंडेशन के अध्यक्ष गोल्डी बेदी अपनी पत्नी को लेकर 3 जुलाई को दादा देव शिशु हॉस्पिटल में कोरोना टेस्ट करवाने गए थे. वहां पर उनका रैपिड टेस्ट किया गया था. हॉस्पिटल में कराए गए रैपिड टेस्ट की रिपोर्ट नेगेटिव आई थी. जिसके बाद वो रिपोर्ट को लेकर पास के प्राइवेट हॉस्पिटल में अपनी पत्नी का इलाज करवाने गए. लेकिन उस प्राइवेट अस्पताल ने रैपिड टेस्ट की रिपोर्ट के आधार पर उनकी पत्नी को देखने से मना कर दिया.
'कई दिनों बाद भी नहीं मिली 48 घंटे में आने वाली रिपोर्ट'
साथ ही गोल्डी बेदी ने बताया कि दादा देव शिशु हॉस्पिटल की ओर से उन्हें कहा गया था कि उनकी पत्नी की कोरोना रिपोर्ट 48 घंटे में आएगी. लेकिन अभी तक उन्हें कोई रिपोर्ट नहीं दी गई है. हॉस्पिटल पर आरोप लगाते हुए बताया कि कोरोना टेस्ट की 48 घंटे के बाद भी अभी तक कोई टेस्ट की रिपोर्ट नहीं आई है. दादा देव हॉस्पिटल में चक्कर काट रहे है. उनका कहना है कि वो अपनी पत्नी का इलाज कहां पर कराए, डाक्टर देखने से मना कर रहे है.