नई दिल्ली:दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट थाने की पुलिस ने विदेश भेजने के नाम पर लोगों से ठगी करने वाले गैंग के मास्टरमाईंड (police arrested mastermind of gang) को गिरफ्तार किया है. आरोपी की पहचान मंजीत उर्फ बब्बू के रूप में हुई है. यह भी सामने आया है कि वह पंजाब के जालंधर का रहने वाला है.
डीसीपी रवि कुमार सिंह ने बताया कि आईजीआईए थाने में शिकायत दर्ज कराई गई थी. शिकायतकर्ता गुरनूर सिंह ने बताया था कि सोशल मीडिया के माध्यम से वह अमित गौर नाम के व्यक्ति के संपर्क में आया था, जिससे उनसे टूरिस्ट और स्टूडेंट वीजा के लिए रिफरेंस मांगा था. इसपर आरोपी ने देश-विदेश में एजेंटों से अपने संपर्क का हवाला देकर पीड़ित को अपने विश्वास में लिया. बाद में आरोपी ने पीड़ित को वीजा के लिए आईइएलटीएस ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट के 5 स्टूडेंट का रिफरेंस दिया. इसके लिए आरोपी को 18 लाख रुपये दिए गए. लेकिन जब वीजा को ऑस्ट्रेलियन एंबेसी से वेरीफाई कराया गया तो वीजा के फर्जी होने का पता चला, जिसपर आरोपी ने आईजीआईए थाने में शिकायत दर्ज काराई थी.
विदेश भेजने के नाम पर ठगी करने के रैकेट को देखते हुए, एसीपी, वीरेंद्र मोर की देखरेख में एसएचओ यशपाल सिंह के नेतृत्व में एसआई नवीन मीना, हेड कॉन्स्टेबल विनोद और कॉन्स्टेबल नितिन की टीम का गठन किया गया था. जांच में जुटी पुलिस टीम ने निरंतर प्रयासों के बाद 11 सितंबर को अमित गौर को धर दबोचा. पूछताछ के दौरान उसने बताया कि, 2017 में वह दिल्ली के रहने वाले टैगोर गार्डन के एक कमीशन एजेंट चंद्रिका प्रसाद उर्फ चंदन के द्वारा, एजेंट, नितिन, मंजीत और विजय के संपर्क में आया था. ये सभी फेक वीजा और ट्रैवल डॉक्यूमेंट बनाने में माहिर थे, और वो इसके लिए ऑफिस खोलकर धोखाधड़ी को अंजाम दे रहे थे.
जांच में पता चला कि नितिन नजारा और विजय कुमार, सिंडिकेट के मास्टरमाईंड मंजीत उर्फ बब्बू के साथ मिलकर जाली दस्तावेज और फर्जी वीजा बना कर ठगी के इस रैकेट को चला रहे थे. ये सभी देशों के फेक ट्रैवेल डॉक्युमेंट्स बनाते थे. यह भी सामने आया कि वे देशभर में यह काम कर रहे थे, और पंजाब-हरियाणा में सक्रिय एजेंट्स को लगातार फेक ट्रैवेल डॉक्युमेंट्स उपलब्ध करवा रहे थे.